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    पीपल्स टेंपल नरसंहार: आख़िर क्यों 900 से ज़्यादा लोगों ने एक साथ कर ली थी आत्महत्या?

    पीपल्स टेंपल नरसंहार: आख़िर क्यों 900 से ज़्यादा लोगों ने एक साथ कर ली थी आत्महत्या?

    लेखन प्रदीप मौर्य
    Oct 28, 2019
    09:32 pm

    क्या है खबर?

    कुछ महीने पहले दिल्ली में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई थी, जिसमें एक ही परिवार के 11 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी।

    इस घटना के बारे में जानकार लोगों के होश उड़ गए थे। अब ज़रा सोचिए कि अगर 900 से ज़्यादा लोग आत्महत्या करेंगे तो क्या होगा?

    दरअसल, एक ऐसी घटना हो चुकी है, जिसे पीपल्स टेंपल नरसंहार के नाम से जाना जाता है, जिसमें 900 से ज़्यादा लोगों ने आत्महत्या की थी।

    आइए जानें।

    घटना

    इतिहास की सबसे बड़ी आत्महत्या की घटनाओं में से एक

    जानकारी के अनुसार, यह भयानक घटना अमेरिका के पास स्थित गुयाना जोंसटाउन में घटी थी और इसके पीछे भी दिल्ली वाली घटना की तरह अंधविश्वास वजह थी।

    इस भयानक घटना को इतिहास की सबसे बड़ी आत्महत्या की घटनाओं में से एक माना जाता है, जिसमें 900 से ज़्यादा लोगों ने ज़हर पीकर आत्महत्या की थी।

    इसके अलावा जिन लोगों ने ज़हर पीने से इनकार किया, उन्हें ज़बरदस्ती ज़हर पिला दिया गया था।

    शुरुआत

    धार्मिक बातों से लोगों को बना लिया अपना अंधभक्त

    यह दिल दहला देने वाली घटना 40 साल पहले 18 नवंबर, 1978 को घटी थी।

    इस घटना के पीछे जिम जोंस नामक एक धर्मगुरु का हाथ था, जो ख़ुद को भगवान का अवतार मानता था।

    शुरुआत में जोंस ने लोगों के बीच अपनी पैठ बढ़ाने के लिए जरूरतमंद लोगों के नाम पर 1956 में 'पीपल्स टेंपल' नाम का एक चर्च बनाया और अपनी धार्मिक बातों से कई लोगों को अपना अंधभक्त बना लिया।

    सच

    धीरे-धीरे जोंस की सच्चाई आने लगी सामने

    जोंस कम्युनिस्ट विचारधारा का था, इसलिए अमेरिकी सरकार से उसकी बनी नहीं और वो अपने अनुयायियों के साथ शहर से दूर गुयाना के जंगलों में चला गया।

    वहीं उसने एक छोटा गाँव बसाया, लेकिन कुछ दिनों बाद ही उसकी सच्चाई लोगों के सामने आने लगी।

    दरअसल, जोंस दिनभर काम करके थके अनुयायियों को ज़बरदस्ती अपना भाषण सुनाता था। जो थक-हारकर घर जाकर सो जाता था, उसे ज़बरदस्ती जगाकर भाषण सुनाया जाता था।

    कार्यवाई

    लोगों को बंधक बनाकर रखने लगा था जोंस

    इसके अलावा वो लोगों को बंधक बनाकर रखने लगा था, ताकि कोई गाँव से भाग न जाए।

    जोंस के अंधविश्वास का जाल इस क़दर फैल चुका था कि जो भी वो कहता था, लोग बिना कुछ सोचे-समझे मान लेते थे।

    जोंस की यह हरकत ज़्यादा दिनों तक सरकार से छुप नहीं पाई और सरकार ने कार्यवाई करने का मन बनाया।

    लेकिन इसकी जानकार जोंस को भी लग गई और उसने सबको एक जगह इकट्ठा होने को कहा।

    अंधविश्वास

    हम सबको पी लेना चाहिए पवित्र जल:- जोंस

    जोंस ने लोगों को बहकाया कि सरकार हम सबको मारने आ रही है। इससे पहले कि वो हमें गोलियों से भूने, हम सबको पवित्र जल पी लेना चाहिए। इससे हम गोलियों के दर्द से बच जाएँगे।

    जोंस ने लोगों से कहा कि अगर वो ऐसा नहीं करेंगे, तो उन्हें सरकार बम से उड़ा देगी और जो बच जाएँगे, उनके साथ जानवरों जैसा सलूक किया जाएगा।

    इसलिए, अगर हमें ख़ुद को उनसे बचाना है, तो हमें पवित्र जल पीना ही होगा।

    मौत

    मरने वाले लोगों में शामिल थे 300 से ज़्यादा बच्चे

    इसके बाद जोंस ने एक बड़े टब में सॉफ़्टड्रिंक के साथ ज़हर मिला दिया और लोगों को पीने के लिए दिया।

    जिन लोगों ने उसे पीने से मना किया, उन्हें ज़बरदस्ती पिला दिया गया।

    इस तरह अंधविश्वास में पड़कर 900 से ज़्यादा लोगों ने अपनी जान गँवा दी। इसमें 300 से अधिक बच्चे भी शामिल थे।

    कहा जाता है कि लोगों के मरने के बाद ही जोंस की भी लाश मिली थी। उसने ख़ुद को गोली मारी थी।

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