तेलंगाना: मुख्यमंत्री से बच्ची का नाम रखवाना चाहते थे माता-पिता, 9 साल तक किया इंतजार
तेलंगाना में एक दंपति की ख्वाहिश पूरे नौ साल बाद रविवार को पूरी हुई। यह दंपति 2013 में पैदा हुई अपनी बच्ची का नामकरण तेलंगाना आंदोलन के नेता और राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से करवाना चाहती थी और इसलिए उन्होंने नौ साल तक बच्ची का नाम ही नहीं रखा। रविवार को उनकी ये इच्छा पूरी हुई और राव ने नौ साल की इस बच्ची को 'महती' नाम दिया।
मुख्यमंत्री राव की महान प्रशंसक है दंपति
भूपालपल्ली के नंदीगामा गांव के रहने वाले सुरेश और अनीता तेलंगाना राज्य के आंदोलन के सक्रिय सदस्य थे और राव के महान प्रशंसक हैं। दोनों ने 2013 में एक बच्ची को जन्म दिया था और चाहते थे कि उनकी बच्ची का नाम राव द्वारा ही रखा जाए, इसलिए उन्होंने अब तक बच्ची का कोई आधिकारिक नाम नहीं रखा था। अभी तक स्कूल और आधार में बच्ची का नाम 'चिट्टी' था। गांव में लोग उसे 'KCR' (के चंद्रशेखर राव) कहते थे।
जानकारी मिलने के बाद परिवार को मुख्यमंत्री के निवास स्थान बुलाया गया
तेलंगाना राष्ट्र समिति के विधान परिषद सदस्य और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष मधुसूदन चारी को जब इस परिवार के बारे में पता चला तो उन्होंने तीनों को मुख्यमंत्री राव के आधिकारिक निवास स्थान 'प्रगति भवन' बुलाया और राव को पूरी बात बताई।
मुख्यमंत्री ने बच्ची और उसके परिवार से की मुलाकात
परिवार की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री राव ने बच्ची और उसके परिवार से मुलाकात की। पूरा मामला जानने के बाद मुख्यमंत्री ने बच्ची का नाम 'महती' रखा और पत्नी के साथ मिलकर दंपति और उनकी बेटी को कपड़े और अन्य उपहार दिए। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ने महती की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता की घोषणा भी की है। इस बात की जानकारी तेलंगाना CMO के ट्विटर अकंउट पर शेयर की गई है।
दंपति ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया
मुख्यमंत्री राव के बच्ची का नामकरण करने से माता-पिता काफी खुश हैं, आखिरकार दंपति का नौ साल पुराना सपना जो पूरा हुआ है। परिवार ने महती की शिक्षा में मदद और आशीर्वाद के लिए मुख्यमंत्री और उनके परिवार का शुक्रिया अदा किया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
चंद्रशेखर राव तेलंगाना के पहले और एकमात्र मुख्यमंत्री हैं। 2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद तेलंगाना के अलग राज्य बनने के बाद वो यहां सत्ता में आए थे। अलग राज्य की मांग के लिए वो 2006 और 2009 में जंतर-मंतर पर भूख हड़ताल पर बैठे थे। दिसंबर, 2009 में तेलंगाना के गठन की घोषणा के बाद उन्होंने भूख हड़ताल खत्म कर दी थी। फिलहाल राव लोकसभा चुनाव के लिए विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में लगे हैं।