अमेरिका: 83 वर्षीय महिला बनी हावर्ड यूनिवर्सिटी की सबसे उम्रदराज ग्रेजुएट
अमेरिका के वाशिंगटन स्थित हावर्ड विश्वविद्यालय शिक्षा और अनुसंधान में सबसे लोकप्रिय विश्वविद्यालयों में से एक है। यहां पर दाखिला लेने के लिए दुनियाभर से छात्र आवेदन देते हैं। इसी कड़ी में अब 83 वर्षीय महिला हावर्ड विश्वविद्यालय की अब तक की सबसे उम्रदराज ग्रेजुएट बन गईं हैं। उन्होंने इतनी अधिक उम्र होने के बाद भी डॉक्टर की डिग्री हासिल करके खूब सराहना बटोरी हैं। आइए उनकी इस उपलब्धि के बारे में विस्तार से जानते हैं।
मैरी के पास हैं 1 स्नातक और 2 मास्टर्स की डिग्रियां
महिला का नाम मैरी फाउलर है और वह पहले ही एक स्नातक की डिग्री हासिल कर चुकी हैं। इसके अलावा मैरी के पास मेपल स्प्रिंग्स बैपटिस्ट बाइबल कॉलेज और सेमिनरी से 2 मास्टर की डिग्रियां भी हैं। मैरी ने इस विषय में कहा कि उन्होंने शुरू में नहीं सोचा था कि वह स्नातक स्तर तक सफलता हासिल कर पाएंगी। वह अपनी इस उपलब्धि से बेहद खुश और उत्साहित महसूस करती हैं।
मैरी हावर्ड में पढ़ने के निर्णय को मानती हैं भगवान का बुलावा
मैरी ने मीडिया से बात करते हुए बताया, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं शायद एक सेमेस्टर से आगे बढ़ पाऊंगा। ऐसा इसलिए क्योंकि मैं साल 1959 से पढ़ाई ही कर रही हूं।" उनका मानना है कि हावर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ डिवाइनिटी में पढ़ने और आगे बढ़ने के लिए 3 साल बिताने का उनका निर्णय भगवान का बुलावा था। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें विश्वास नहीं था कि वह चीजें याद रख सकेंगी।
लोगों को पढ़ने के प्रोत्साहित कर रही हैं मैरी
मैरी ने 83 की उम्र में अपनी डॉक्टर की डिग्री हासिल करके कई लोगों को प्रेरणा दी है। उनका कहना है, "शिक्षा हासिल करने के लिए कोई निर्धारित आयु नहीं होती है।" मैरी कहती हैं, "मैं चाहता हूं कि हर किसी को एहसास हो कि मैं 83 साल की हूं, जिसका मतलब है कि अगर मैं यह कर सकती हूं, तो हर कोई कर सकता है।" मैरी अब छात्रों को पढ़ाने के विषय में भी सोच रही हैं।
अपने मां-बाप से ली आगे पढ़ाई करने की प्रेरणा
मैरी का कहना है कि उनकी इस उपलब्धि में उनके मां-बाप उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा रहे हैं, जिनके कारण उन्होंने आगे पढ़ने का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा, "मेरी मां और पिताजी ऐसे युग में पैदा हुए थे, जब पढ़ना-लिखना गैरकानूनी था। मैंने पिताजी को पढ़ना-लिखना सिखाया, ताकि उन्हें अंगूठा न लगाना पड़े।" मैरी ने कहा कि उसके पिता इस आदर्श वाक्य को दोहराते थे 'दिमाग बर्बाद करना एक बुरा निर्णय है।', जिससे प्रेरित होकर वह आगे बढ़ती गईं।
हावर्ड विश्वविद्यालय ने की मैरी की सराहना
हावर्ड विश्वविद्यालय ने मैरी की इस उपलब्धि के विषय में फेसबुक पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें लिखा गया, 'हम चाहते हैं कि आप सभी हमारे साथ मिलकर 83 वर्षीय डॉक्टर ऑफ मिनिस्ट्री ग्रेजुएट डॉ. मैरी ए. फाउलर की इस उपलब्धि का जश्न मनाएं।' पोस्ट में आगे लिखा गया, 'इसके अलावा, वह 156वीं प्रारंभ की स्नातक कक्षा में शामिल हैं, जो हावर्ड विश्वविद्यालय के इतिहास में अबतक की सबसे बड़ी कक्षा है।'