कोलंबिया: विमान हादसे के 17 दिन बाद अमेजन के जंगल में जिंदा मिले 4 बच्चे
क्या है खबर?
अमूमन विमान हादसों के बाद अधिकतर लोगों की मौत होने की ही खबर सामने आती है, लेकिन हाल ही में कोलंबिया में हुए एक विमान हादसे में बड़ी हैरान करने वाली खबर सामने आई है।
बीती 1 मई को मशीनी खराबी के कारण एक प्लेन क्रेश हो गया था, जिसके 17 दिन बाद एक 11 महीने के मासूम समेत 3 बच्चे अमेजन जंगल में जिंदा मिल गए।
आइए पूरी खबर विस्तार से जानते हैं।
बचाव
जंगल में फल खाकर खुद का गुजारा कर रहे थे बच्चे
राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने एक ट्विटर पोस्ट पर लिखा, 'घने जंगल में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान के 2 सप्ताह से अधिक समय के बाद 4 बच्चों को सेना, अग्निशामकों और नागरिक उड्डयन के अधिकारियों द्वारा बचाया लिया गया है।'
डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक, 11 महीने के बच्चे के साथ मिले बच्चों में एक लड़का 4 साल, दूसरा 9 साल का और एक 13 वर्षीय लड़की है और ये बच्चे जंगल में मौजूद फल खाकर अपना गुजारा कर रहे थे।
कारण
विमान का इंजन खराब होने के कारण हुआ यह हादसा
कोलंबियाई अधिकारियों ने अभी तक विमान दुर्घटना का कारण नहीं बताया है, लेकिन देश के आपदा प्रतिक्रिया निकाय ने कहा कि पायलट ने रडार सिस्टम से विमान के गायब होने से कुछ मिनट पहले इंजन में समस्या की सूचना दी थी।
बच्चों की खोज के लिए अधिकारियों ने 'ऑपरेशन होप' शुरू किया था। हालांकि, घने जंगल के विशाल पेड़ों और भारी बारिश के कारण यह काफी मुश्किल हो गया था, लेकिन अब बच्चों को ढूंढकर बचा लिया गया है।
मौत
हादसे में 3 वयस्कों की हुई मौत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विमान सेस्ना 206 हादसे वाले दिन 4 बच्चों समेत 7 लोगों को लेकर जा रहा था। उसी दौरान कोलंबिया के अरराकुआरा ग्वावियारे प्रांत के सैन जोस डेल ग्वावियारे शहर के ऊपर से गुजरते समय वह क्रैश हो गया।
इस हादसे में पायलट सहित 3 वयस्कों की मौत हो गई और उनके शव विमान के अंदर पाए गए हैं।
मृत वयस्कों में एक रानोक मुकुतुय नामक महिला थी, जिसके 4 बच्चे जंगल में पाए गए हैं।
समुदाय
स्वदेशी ह्यटोटो समुदाय के हैं बच्चे
ऐसा कहा जा रहा है कि बच्चे स्वदेशी ह्यूटोटो समुदाय से हैं, जिसे विटोटो भी कहा जाता है ।
यह समुदाय शिकार, मछली पकड़ने और खाने की चीजों को इकट्ठा करने में माहिर होता है और हो सकता है कि बच्चों के माता-पिता ने उन्हें ऐसे हादसों से निपटने के लिए सब चीजें सीखा रखी थी। यही कारण हो सकता है कि बच्चे इतने दिनों तक घने जंगलों में जीवित रह सकें।