रवि शास्त्री और जहीर खान नहीं चाहते भारतीय खिलाड़ी विदेशी लीग्स में खेलें, जानिए कारण
लंबे वक्त से यह मांग उठ रही है कि भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी लीग्स में खेलने का मौका दिया जाए। हालांकि, इसके विरोध में भी काफी लोग हैं जो खुलकर इस मांग का विरोध करते हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेटर रवि शास्त्री और जहीर खान इस मांग का विरोध करने वालों में शामिल हैं। दोनों ने जोर देकर कहा कि भारतीय खिलाड़ियों को बाहर देखने के बजाय अपने देश पर ध्यान देना चाहिए। आइये जानते उन्होंने क्या कुछ कहा।
भारतीयों के विदेश लीग में खेलने की कोई जरूरत नहीं- शास्त्री
क्रिकइंफो के अनुसार, शास्त्री ने कहा, "भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की कोई जरूरत नहीं है, वे इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) खेल रहे हैं और घरेलू क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि वे भारत में ही घरेलू क्रिकेट खेलें। इन सभी खिलाड़ियों के लिए सिस्टम को समझने और मौका पाने के लिए पर्याप्त घरेलू क्रिकेट है। इसके अलावा, आपको इंडिया-A दौरे मिलते हैं। भारतीयों को और भी बहुत सारे अन्य दौरे मिलते हैं।"
इस बारे में अचानक क्यों ज्यादा चर्चा हो रही?
भारतीय टीम का टी-20 विश्व कप 2022 में प्रदर्शन निराशाजनक रहा। कई लोगों का मानना है कि इसके पीछे भारतीय खिलाड़ियों का विदेशी लीग्स में न खेलना कारण है। इसलिए यह चर्चा तेज हुई कि भारतीय खिलाड़ियों का विदेशी लीग्स में खेलेंगे देना चाहिए।
हमारे पास अच्छे खिलाड़ी तैयार करने के लिए पर्याप्त साधन हैं- जहीर
जहीर खान ने इस बारे में कहा, "मुझे खिलाड़ियों के किसी विशेष टूर्नामेंट में जाने और खेलने के लिए अभी कोई कारण नहीं दिखता। अभी आपके पास जो घरेलू स्तर है वह एक मजबूत संरचना है। इसलिए दूसरों पर निर्भर क्यों होना? हमारे पास अच्छे खिलाड़ी तैयार करने के लिए पर्याप्त साधन हैं। आप हमारी बेंच स्ट्रेंथ को भी देखिए, आप असल में तीन लाइन-अप से खेल सकते हैं, और वे किसी भी स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हैं।"
इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं मुख्य कोच राहुल द्रविड़?
टी-20 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में हार के बाद राहुल द्रविड़ से जब इस मुद्दे पर सवाल किया गया, तो उन्होंने मिलाजुला जवाब दिया था। उन्होंने कहा था, "इंग्लैंड के कुछ खिलाड़ियों को निश्चित तौर पर अपने BBL अनुभव का लाभ मिला।" हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय खिलाड़ियों के लिए विदेशी लीग में भाग लेना मुश्किल होगा, क्योंकि इनमें से अधिकांश टी-20 टूर्नामेंट भारत के घरेलू सत्र के दौरान होते हैं।
...और पक्ष में हैं ये लोग
हाल ही में एक टीवी डिबेट के दौरान पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले, स्टीफन फ्लेमिंग और टॉम मूडी ने इस विषय के पक्ष में बयान दिया था। उनका मानना था कि भारत को अपने खिलाड़ियों को विदेशी लीग में भाग लेने देने पर अपने रुख पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। कुंबले ने कहा था कि भारतीय टीम में कई खिलाड़ी ऐसे थे जो पहली बार ऑस्ट्रेलिया में खेल रहे थे, उन्हें यहां के पिचों की कोई जानकारी नहीं थी।
BCCI को खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की इजाजत देनी चाहिए- हरभजन
पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह ने हाल ही में एक बातचीत के दौरान कहा था, "मेरा मानना है कि BCCI को खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की इजाजत देनी चाहिए। आपको गैर-अनुबंधित खिलाड़ियों को अनुमति देना होगा, जिन्हें आप भारतीय टीम में नहीं चुनना चाहते हैं। आपको एक ऐसी व्यवस्था बनानी होगी, जिसमें खिलाड़ी ने 50 टेस्ट मैच खेलें हो या उसकी उम्र 35 से ऊपर हो तो उसको बोर्ड से अनुमति लेनी होगी।"
इरफान पठान भी उठा चुके हैं मांग
इससे पहले पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज इरफान पठान ने भी इसके पक्ष में खुलकर बयान दिया था। उन्होंने हाल ही में एक टीवी कार्यक्रम के दौरान कहा था कि BCCI को उन खिलाड़ियों को विदेशी लीग में खेलने की अनुमति देनी चाहिए, जिनके अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने की संभावनाएं कम या न के बराबर हो गई है, या उनकी उम्र कम से कम 30 साल को पार कर चुकी है।
भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी लीग में क्यों नहीं खेलने देता BCCI?
पूर्व विकेटकीपर और BCCI के पूर्व जनरल मैनेजर सबा करीम ने इस बारे अहम बातें कही थी कि आखिर बोर्ड क्यों भारतीय खिलाड़ियों को विदेशी लीग में नहीं खेलने देता। उन्होंने कहा था, "भारत के घरेलू टूर्नामेंट को देखें, तो हमारे पास मल्टी-फॉर्मेट प्लेयर हर स्तर पर हैं। अगर BCCI ने खिलाड़ियों को विदेशी लीग में जाकर खेलने की इजाजत दी तो बहुत कम प्लेयर बचेंगे, जो घरेलू क्रिकेट में खेलेंगे। इससे हमारे क्रिकेट में एक बड़ा खालीपन आ जाएगा।"
अभी क्या हैं नियम?
अगर अभी किसी भी पुरुष भारतीय खिलाड़ी को विदेशी लीग में भाग लेना है तो उसको भारतीय क्रिकेट से संन्यास लेना होगा। वह IPL भी नहीं खेल सकेगा। इसके बाद BCCI से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लेकर वह विदेशी लीग में खेल सकता है।