रणजी ट्रॉफी: बंगाल की टीम में चुने जाने के बावजूद नहीं खेलना चाहते साहा, जानिए कारण
भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा बंगाल क्रिकेट टीम छोड़ना चाहते हैं। उन्होंने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (CAB) से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) की मांग की है। बीते मंगलवार को ही बंगाल ने रणजी ट्रॉफी के नॉकआउट मुकाबलों के लिए अपनी टीम घोषित की थी और साहा को इसमें शामिल किया गया था। हालांकि, अब उन्होंने खुद को रिलीज करने की मांग करके चौंका दिया है। आइए जानते हैं पूरी खबर।
साहा ने CAB प्रेसीडेंट से की है खुद को रिलीज करने की मांग
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक निजी कारणों से रणजी ट्रॉफी छोड़ने वाले साहा से इस बार टीम में शामिल करने से पहले बातचीत नहीं की गई थी। साहा ने CAB प्रेसीडेंट अविशेक डालमिया से खुद को रिलीज करने की मांग की है। CAB के कुछ अधिकारियों ने बंगाल के लिए साहा की प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े किए थे और इन्हीं टिप्पणियों को लेकर ही वह काफी दुखी हैं।
लिखित में निवेेदन करने के बाद ही कार्यवाई करेगी CAB
फिलहाल डालमिया ने इस मुद्दे पर कुछ बोलने से इंकार किया है और उनका कहना है कि जब तक उन्हें लिखित में कोई चीज नहीं मिलती है तब तक वह इस पर विचार नहीं करेंगे। हालांकि, CAB के अधिकारियों ने मामले का संज्ञान ले लिया है और बीती शाम उन्होंने साहा के मामले को लेकर औचक बैठक भी की थी। साहा ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) समाप्त होने के बाद लिखित निवेेदन करने का फैसला लिया है।
पत्रकार द्वारा धमकी मिलने के मामले का खुलासा करके चर्चा में रहे थे साहा
साहा ने इस साल फरवरी में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय टीम में नहीं चुने जाने के बाद खुलासा किया था कि उन्हें एक भारतीय पत्रकार की ओर से धमकी मिली है। बोर्ड ने जब मामले की जांच कराई तो उनके आरोप सही निकले और पत्रकार की पहचान बोरिया मजूमदार के रूप में सामने आई। बोर्ड ने कड़ी कार्यवाही करते हुए मजूमदार को दो साल के लिए बैन किया है।
IPL में खूब चल रहा है साहा का बल्ला
ऐसा माना जा रहा है कि 37 साल के साहा का अंतरराष्ट्रीय करियर समाप्त हो चुका है, लेकिन फिलहाल साहा हार मानने के मूड में नहीं हैं। गुजरात टाइटंस (GT) के लिए IPL के वर्तमान सीजन में साहा ने आठ मैचों में 40.14 की औसत के साथ 281 रन बनाए हैं। इस सीजन वह तीन अर्धशतक लगा चुके हैं जिसमें 68 उनका सर्वोच्च स्कोर रहा है। गुजरात प्ले-ऑफ में पहुंचने वाली पहली टीम बन चुकी है।