कौन हैं कार्तिकेयन मुरली, जिन्होंने विश्व के नंबर-1 शतरंज खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को हरा दिया?
सिर्फ 24 साल के भारतीय शतरंज खिलाड़ी कार्तिकेयन मुरली ने दुनिया के नंबर-1 शतरंज खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को शिकस्त दे दी है। कतर मास्टर्स में मुरली ने कार्लसन को हराया। क्लासिकल शतरंज प्रारूप में मुरली कार्लसन को हराने वाले सिर्फ तीसरे भारतीय बने हैं। मुरली के अलावा पेंटाला हरिकृष्णा ने साल 2005 में कार्लसन को हराया था। विश्वनाथन आनंद कार्लसन को हराने वाले एकमात्र अन्य भारतीय खिलाड़ी हैं। आइए इस खिलाड़ी के बारे में जानते हैं।
इन खिलाड़ियों की श्रेणी में आए मुरली
मुरली की जीत कतर में जारी टूर्नामेंट के सातवें दौर में आई, उन्होंने काली मोहरों का इस्तेमाल करते हुए जीत हासिल की। इस जीत के साथ ही वह एसएल नारायण, जावोखिर सिंदारेव, डेविड परव्यान, अर्जुन एरिगैसी और नोदिरकेब याकुबोएव जैसे प्रमुख खिलाड़ियों की श्रेणी में आ गए हैं। इन खिलाड़ियों ने 7 में से 5.5 का उल्लेखनीय स्कोर हासिल किया था। बता दें, कार्लसन को ग्रैंडमास्टर आर प्रगनानंद ने भी हराया है, लेकिन यह जीत क्लासिकल शतरंज में नहीं है।
5 साल की उम्र में शतरंज खेलने लगे थे मुरली
तमिलनाडु के तंजावुर में जन्मे मुरली ने सिर्फ 5 साल उम्र में ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। साल 2015 में इस खिलाड़ी को ग्रैंडमास्टर की उपाधि मिली थी। वह 2 बार नेशनल चैंपियन भी रह चुके हैं। मुरली सिर्फ 10 साल की उम्र में इंटरनेशनल मास्टर बन गए थे। साल 2011 में उन्होंने अंडर-12 विश्व चैंपियनशिप अपने नाम की थी। साल 2013 में इस खिलाड़ी ने अंडर-16 विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप भी अपने नाम की थी।
एक शानदार छात्र भी हैं मुरली
मुरली खेल के साथ ही पढ़ाई में भी काफी अच्छे हैं। उन्होंने 10वीं कक्षा में 93 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। इसके बाद उन्होंने 12वीं कक्षा में 95 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। साल 2014 में हंगरी में खेले गए अंडर-16 ओलंपियाड में उन्होंने स्वर्ण जीता था। जनवरी 2019 में मुरली ने जिब्राल्टर मास्टर्स ओपन टूर्नामेंट में 250 से अधिक खिलाड़ियों के बीच दूसरा स्थान हासिल किया था। जून 2019 में वह एशियाई चैंपियनशिप में दूसरे स्थान पर रहे थे।
हिकारू नाकामुरा ने की मुरली की जमकर तारीफ
दिग्गज शतरंज खिलाड़ी हिकारू नाकामुरा ने कार्लसन को हराने के बाद मुरली की जमकर तारीफ की है। उन्होंने कहा, "मुरली भारत के भविष्य हैं। एक के बाद एक जैसे भारतीय खिलाड़ी कार्लसन को टक्कर दे रहे हैं, यह कमाल का है। विश्वनाथन ने जो किया है उसे ये खिलाड़ी आगे बढ़ाने में लगे हैं।" इससे पहले छठे राउंड में भारत के 83वें ग्रैंडमास्टर आदित्य सावंत ने भी कार्लसन को मुकाबले में काफी परेशान किया था।