क्रिकेट में क्या होता है 'सॉफ्ट सिग्नल' नियम और क्यों हो रहा इसको लेकर विवाद?
इंग्लैंड के खिलाफ चौथा टी-20 जीतकर भारतीय टीम ने पांच मैचों की टी-20 सीरीज में शानदार वापसी की है। 186 रनों का लक्ष्य बचाते हुए भारत ने आठ रन से करीबी जीत हासिल की। सूर्यकुमार यादव ने 31 गेंदों में 57 रनों की जोरदार पारी खेलकर भारत को बड़े स्कोर तक पहुंचाया था। हालांकि, कुछ बल्लेबाजों को आउट दिए जाने के बाद से 'सॉफ्ट सिग्नल' के नियम को लेकर चर्चा तेज हो गई है। आइए जानें क्या है यह नियम।
सॉफ्ट सिग्नल का शिकार बने थे सूर्यकुमार और वाशिंग्टन
सूर्यकुमार का कैच डेविड मलान ने पकड़ा था, लेकिन रीप्ले में साफ देखा गया कि गेंद मैदान पर लगी थी। तीसरे अंपायर के पास फैसला भेजने की बजाय मैदानी अंपायर ने सॉफ्ट सिग्नल के रूप में सूर्यकुमार को आउट दिया था। इसी प्रकार आदिल रशीद का पैर बाउंड्री में छू जाने के बावजूद वाशिंग्टन सुंदर आउट दिए गए थे। दोनों ही बार साफ सबूत नहीं मिलने के कारण तीसरे अंपायर ने सॉफ्ट सिग्नल के साथ जाने का निर्णय लिया था।
क्या है सॉफ्ट सिग्नल का नियम?
मैच में किसी करीबी मामले में मैदानी अंपायर को तीसरे अंपायर से पूछने से पहले अपनी तरफ से एक निर्णय लेना होता है जिसे सॉफ्ट सिग्नल कहा जाता है। इसके बाद तीसरा अंपायर रीप्ले में हर एंगल से साफ सबूत खोजने की कोशिश करता है। यदि ऐसे सबूत मिलते हैं कि कैच सही तरीके से नहीं लिया गया है तो सॉफ्ट सिग्नल को बदला जा सकता है, लेकिन सबूत नहीं मिलने पर सॉफ्ट सिग्नल कायम रहता है।
क्या बदला जा सकता है सॉफ्ट सिग्नल?
नियम के हिसाब से सॉफ्ट सिग्नल को तभी बदला जा सकता है जब तीसरे अंपायर के पास साफ सबूत हों। सूर्यकुमार के मामले में मैदानी अंपायर ने निश्चिंत नहीं होने के बावजूद सॉफ्ट सिग्नल के रूप में आउट दिया था। रीप्ले में इतने साफ सबूत नहीं मिल सके कि साबित हो कि गेंद जमीन पर लगी थी। यही कारण है कि मैदानी अंपायर के निर्णय को बदला नहीं जा सका।
क्या इस नियम को खत्म किया जा सकता है?
इस नियम को खत्म करने के लिए काफी ज्यादा बहस हो चुकी है। हालांकि, लोगों को इस नियम के महत्व को भी समझना होगा। इस नियम को लेकर हो रहे विवाद के बीच भारतीय कमेंटेटर हर्षा भोगले ने एक सटीक अवलोकन प्रस्तुत किया है। भोगले का कहना है कि तीसरे अंपायर के पास जो इमेज होती है वह 2D होती है और ऐसे में मैदानी अंपायर का व्यू भी अहम हो जाता है।
हर्षा भोगले द्वारा किया गया ट्वीट
लगातार हो रहा है इस नियम को लेकर विवाद
चौथे टी-20 के बाद से सॉफ्ट सिग्नल के नियम को लेकर काफी विवाद हो रहा है। पूर्व इंग्लिश कप्तान माइकल अथर्टन ने कहा, "मुझे नहीं पता कि कैसे मैदानी अंपायर बाउंड्री पर लिए गए कैच को सही से देख सकता है।" भारत के पूर्व विकेटकीपर पार्थिव पटेल ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि क्रिकेट को सॉफ्ट सिग्नल की जरूरत है। यदि आप निर्णय लेने में समर्थ नहीं हैं तो सीधे तीसरे अंपायर से निर्णय लेने को कहिए।"