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पाकिस्तान के खिलाड़ियों से हाथ न मिलाने का फैसला क्या गौतम गंभीर का था?
पाकिस्तान के खिलाफ भारत ने शानदार जीत दर्ज की (तस्वीर: एक्स/@BCCI)

पाकिस्तान के खिलाड़ियों से हाथ न मिलाने का फैसला क्या गौतम गंभीर का था?

Sep 15, 2025
10:42 am

क्या है खबर?

एशिया कप 2025 में भारत-पाकिस्तान मैच के बाद हाथ न मिलाने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। इस फैसले के पीछे भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर थे। रविवार को कप्तान सूर्यकुमार यादव की शानदार अगुवाई में भारत ने पाकिस्तान पर एकतरफा जीत दर्ज की। इसके बाद भारतीय खिलाड़ियों ने प्रतिद्वंद्वी टीम से हाथ नहीं मिलाया। यहां तक कि जब पाकिस्तानी खिलाड़ी भारतीय ड्रेसिंग रूम तक पहुंचे, तब भी उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

रणनिती

गंभीर ने बनाई थी रणनीति

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाथ न मिलाने की रणनीति गंभीर ने बनाई थी। उन्होंने भारतीय खिलाड़ियों को सलाह दी थी कि वे पाकिस्तानी खिलाड़ियों से न हाथ मिलाएं और न ही बातचीत करें। यह फैसला उस समय लिया गया जब मैच से पहले 'बहिष्कार' की चर्चाएं जोर पकड़ रही थीं और भारतीय ड्रेसिंग रूम तक पहुंच चुकी थीं। सूर्यकुमार समेत कुछ खिलाड़ियों ने इस मुद्दे पर गंभीर और सपोर्ट स्टाफ से चर्चा भी की, जिसके बाद यह कदम उठाया गया।

सलाह

गंभीर ने क्या कहा था? 

बहिष्कार की बढ़ती चर्चाओं के बीच गंभीर ने खिलाड़ियों को सोशल मीडिया से दूर रहने और सिर्फ खेल पर ध्यान देने की सलाह दी थी। रिपोर्ट के अनुसार गंभीर ने कहा, "सोशल मीडिया कम करो, बेवजह की बातें पढ़ना बंद करो। तुम्हारा काम भारत के लिए खेलना है। पहलगाम में जो हुआ उसे मत भूलो। हाथ मत मिलाओ, किसी बातचीत में मत पड़ो बस मैदान में उतरो अपना सर्वश्रेष्ठ दो और भारत के लिए जीत हासिल करो।"

मैच

मैच के बाद गंभीर ने क्या कहा?

गंभीर ने मैच खत्म होने के बाद हाथ न मिलाने के फैसले पर कप्तान सूर्यकुमार की भावना दोहराई। गंभीर ने कहा, "यह शानदार जीत है, लेकिन टूर्नामेंट में अभी काफी क्रिकेट बाकी है। यह मैच हमारे लिए खास था क्योंकि हम पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ एकजुटता दिखाना चाहते थे। पहलगाम हमले के दौरान उन्होंने जो दर्द और तकलीफ झेली उसे याद रखते हुए ही यह कदम उठाया गया।"

कप्तान

सूर्यकुमार के बयान पर एक नजर 

कप्तान सूर्यकुमार, जिन्होंने 47* रन बनाकर भारत को 128 रन के लक्ष्य तक पहुंचाया ने मैच के बाद पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र किया। उन्होंने कहा, "हम पहलगाम हमले के पीड़ितों के परिवारों के साथ खड़े हैं। हम अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं और यह जीत उन सभी बहादुर जवानों को समर्पित करना चाहते हैं जिन्होंने अपार साहस दिखाया।" खास बात यह रही कि यह मुकाबला बहिष्कार की मांगों के बीच खेला गया।