आर्थिक तंगी के समय विराट कोहली फाउंडेशन ने की थी मेरी मदद- सुमित नागल
यूएस ओपन (US Open) के अपने पहले मुकाबले में भारतीय टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल को भले ही रोजर फेडरर के खिलाफ हार झेलनी पड़ी थी, लेकिन उन्होंने अपने खेल से सबका दिल जीत लिया था। खुद फेडरर ने भी सुमित की काफी तारीफ की थी और उनका भविष्य उज्जवल बताया था। सुमित ने बताया है कि आखिर किस तरह विराट कोहली ने उनकी वित्तीय संकट के दौर में मदद की थी।
2017 से ही मिल रहा है कोहली की फाउंडेशन का सपोर्ट
युवा खिलाड़ी ने कोहली की जमकर तारीफ की और कहा कि उनकी फाउंडेशन ने उनका काफी साथ दिया है। सुमित ने बॉम्बे टाइम्स से कहा, "2017 से ही विराट कोहली की फाउंडेशन मेरी मदद कर रही है। पिछले दो सालों से मैं अच्छा नहीं खेल पा रहा था और आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। यदि कोहली ने मेरी मदद नहीं की होती तो पता नहीं क्या होता।"
मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे कोहली का सपोर्ट मिला
नागल ने आगे कहा कि वह सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें कोहली का सपोर्ट मिला क्योंकि सपोर्ट मिलने के बावजूद एक बार उनकी जेब में मात्र 6 डॉलर थे। सुमित ने कहा, "एथलीट्स की मदद करने से गेम को आगे बढ़ाया जा सकता है। कोहली की मदद मिलना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। मदद मिलने के बावजूद मैंने तंगी झेली तो अगर मदद नहीं होती तो मेरा जाने क्या होता।"
2013 में हुई थी विराट कोहली फाउंडेशन की शुरुआत
विराट कोहली फाउंडेशन की शुरुआत 2013 में हुई थी और यह देश के स्पोर्ट्सपर्सन की मदद के उद्देश्य के साथ शुरु किया गया था। इसके अलावा एनजीओ के साथ काम करके यह गरीब बच्चों की भी मदद करता है।
फेडरर के खिलाफ हार के बावजूद नागल ने किया था प्रभावित
विश्व के तीसरे नंबर के खिलाड़ी के खिलाफ उतरने वाले 190वीं रैंकिंग के सुमित ने पहला सेट 6-4 से जीत लिया था। हालांकि, इसके बाद स्विस सुपरस्टार ने सुमित को वापसी करने का मौका नहीं दिया और लगातार तीन सेट 6-1, 6-2, 6-4 से जीतते हुए मुकाबला अपने नाम कर लिया। फेडरर के खिलाफ पहला सेट जीतने वाले नागल पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे। पहले सेट में फेडरर ने 19 गलतियां की थीं।
इस दशक में ग्रैंडस्लैम फाइनल्स में पहुंचने वाले पांचवें भारतीय हैं नागल
ग्रैंडस्लैम फाइनल्स के लिए क्वालीफाई करने के लिए नागल ने अपना अंतिम मुकाबला ब्राज़ील के होआओ मेनेहेज के खिलाफ खेला था। सुमित ने पहला सेट गंवाने के बाद मुकाबला 5-7, 6-4, 6-3 से जीता और फाइनल्स में जगह बनाई। 2010 से अब तक सोमदेव देवबर्मन, युकी भांबरी, साकेत मायनेनी और प्रजनेश गुणेश्वरन के बाद सुमित ग्रैंडस्लैम फाइनल्स में जगह बनाने वाले पांचवे भारतीय खिलाड़ी बने हैं।