
विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के फैसले पर पूरी तरह से कायम
क्या है खबर?
भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली का इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज में खेलना अभी तय नहीं है।
उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की इच्छा जताई है और अब तक अपनी उपलब्धता की पुष्टि नहीं की है। रोहित शर्मा के संन्यास के बाद BCCI ने कोहली से फैसला बदलने की अपील की है।
हालांकि, कोहली अपने फैसले पर अभी भी अडिग हैं और टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के इरादे पर कायम हैं।
फैसला
2 हफ्ते पहले चयनकर्ताओं से कोहली ने कह दी थी संन्यास की बात
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, BCCI और चयन समिति कोहली को इंग्लैंड दौरे पर खेलने के लिए मनाने की पूरी कोशिश कर रही है।
इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज में भारत का मध्यक्रम अनुभवहीन है, ऐसे में कोहली की मौजूदगी को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने 2 हफ्ते पहले चयनकर्ताओं से टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की इच्छा जताई थी, लेकिन वह अब भी ना खेलने के अपने फैसले पर अडिग हैं।
कप्तान
शुभमन गिल हो सकते हैं अगले कप्तान
अपने शानदार टेस्ट करियर के बावजूद, कोहली हाल के दिनों में टेस्ट क्रिकेट में संघर्ष करते नजर आए हैं। पिछले साल ऑस्ट्रेलिया सीरीज में वह बार-बार एक ही तरह से आउट हुए थे।
इसके बाद उनके टीम में स्थान को लेकर सवाल उठने लगे थे। अगर कोहली नहीं खेलते हैं तो श्रेयर अय्यर या करूण नायर को उनकी जगह नंबर 4 पर खेलते हुए देखा जा सकता है।
रोहित की जगह भारत के अगले कप्तान शुभमन गिल बन सकते हैं।
आंकड़े
हैरान करने वाले हैं कोहली के पिछले 5 साल के आंकड़े
साल 2019 से 2024 तक कोहली ने 46 टेस्ट मैच खेले। इसकी 78 पारियों में 35.84 की औसत से सिर्फ 2,617 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 5 शतक और 11 अर्धशतक निकले थे।
कोहली ने 2 शतक साल 2019 में और 2 शतक 2023 में लगाए थे। 1 शतक पिछले साल आया था।
साल 2020, 2021 और 2022 में उनके बल्ले से 1 भी शतक नहीं निकला। इस दौरान वह भारत के लिए 19 टेस्ट मैच खेले थे।
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया में नहीं चला था कोहली का बल्ला
कोहली ने पर्थ टेस्ट में शतक लगाकर सीरीज की अच्छी शुरुआत की थी। हालांकि, इसके बाद वह निरंतर रन नहीं बना पाए थे।
उन्होंने 5 टेस्ट की 9 पारियों में 23.75 की औसत के साथ सिर्फ 190 रन बनाए थे। इस बीच पर्थ टेस्ट में शतक के अलावा कोई अर्धशतक भी नहीं लगा सके थे।
वह लगातार एक ही तरह से आउट (ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद) हो रहे थे और उनकी सीरीज में खूब आलोचना हुई थी।