IPL के शीर्षक प्रायोजक की रूपरेखा तैयार, चीनी कंपनियां नहीं लगा सकेंगी बोली- रिपोर्ट
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) सक्रिय रूप से इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के लिए एक शीर्षक प्रायोजक (टाइटल स्पॉन्सर) की तलाश कर रहा है और इसमें बोली लगाने वाले संभावितों के लिए रूपरेखा तैयार की गई है। बोर्ड ने संकेत दिए हैं कि चीनी कंपनियों या ऐसे ब्रांडों की बोलियों पर विचार नहीं किया जाएगा, जिसके भारत के साथ अच्छे संबंध नहीं हैं। इन अधिकारों के लिए आरक्षित मूल्य 360 करोड़ रुपये प्रति वर्ष है।
वीवो के साथ पहले भी हो चुका है विवाद
क्रिकबज के मुताबिक, BCCI ने विशिष्ट देशों या ब्रांडों का स्पष्ट रूप से उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन वीवो के साथ नकारात्मक अनुभव के बाद बोर्ड कोई और विवाद नहीं चाहता है। बता दें कि भारत और चीन के बीच सीमा गतिरोध का बाद विवाद हो गया था, जिसके बाद चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो को पीछे हटना पड़ा था। इसके बाद IPL 2023 तक टाटा समूह के पास लीग के शीर्षक प्रायोजक के अधिकार थे।
ये कंपनियां भी हैं प्रतिबंधित
BCCI सट्टेबाजी और जुआ कंपनियों के अलावा फैंटेसी गेम्स और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी कंपनियों की बोलियां भी खारिज कर रहा है। बोर्ड ने अपात्रता के लिए विशिष्ट मानदंडों की रूपरेखा तैयार की है, जिसमें जुआ और सट्टेबाजी फर्मों, फैंटेसी गेमिंग, क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, क्रिप्टोकरेंसी टोकन और अल्कोहल उत्पादों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ी कंपनियां शामिल हैं। इनके साथ-साथ स्पोर्ट्सवियर के उत्पादन में शामिल फर्मों पर भी विशेष रूप से प्रतिबंध है।
स्पॉन्सरशिप टेंडर के लिए नहीं दिखाई दे रही कोई दिलचस्पी- रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रायोजन निविदा (स्पॉन्सरशिप टेंडर) के लिए प्रारंभिक प्रतिक्रिया विशेष रूप से उत्साहजनक नहीं है। हालांकि, इच्छुक पार्टियों के लिए निविदा आमंत्रण (ITT) दस्तावेज खरीदने और बोली प्रक्रिया में भाग लेने के लिए अभी भी कुछ समय बाकी है। बता दें कि ITT के जरिए ही बोली में भाग लेने की अनुमति मिलेगी और इसे 8 जनवरी तक खरीदा जा सकता है। बोली प्रक्रिया 13-14 जनवरी के आसपास होने की उम्मीद है।
टाटा कर सकती है इस विशेष अधिकार का प्रयोग
BCCI और टाटा समूह के बीच पिछले प्रायोजक समझौते के अनुसार, BCCI को ITT प्रक्रिया के अनुसार शीर्षक प्रायोजन अधिकार के लिए प्राप्त उच्चतम बोली राशि के बारे में टाटा को सूचित करना आवश्यक है। टाटा के पास वित्तीय बोलियां खुलने की तारीख के 5 कार्य दिवसों के भीतर उच्चतम बोली का मिलान करने का अधिकार होगा। अगर टाटा उच्चतम बोली के बराबर होने के अपने अधिकार का प्रयोग करता है, तो उन्हें फिर से शीर्षक प्रायोजन अधिकार मिल जाएगा।