एशेज सीरीज के इतिहास में इन कप्तानों का जीत प्रतिशत सबसे बेहतर रहा
क्या है खबर?
क्रिकेट के इतिहास में कुछ टीमें टेस्ट प्रारूप को ज्यादा खेलना पसंद करती हैं। इंग्लैंड क्रिकेट टीम इस दौर में भी काफी टेस्ट मैच खेलती है। इंग्लैंड अपनी चिर प्रतिद्वंदी ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के खिलाफ एशेज सीरीज में हिस्सा लेती है। इस सीरीज के इतिहास में एक से बढ़कर एक कप्तान देखने को मिले हैं। इस बीच एशेज सीरीज के इतिहास में सबसे बेहतर जीत प्रतिशत वाले कप्तानों (कम से कम 10 टेस्ट) के बारे में जानते हैं।
#1
वारविक आर्मस्ट्रांग (80.00)
एशेज सीरीज के इतिहास में ऑस्ट्रेलिया के वारविक आर्मस्ट्रांग बेहद सफल कप्तान साबित हुए। उन्होंने कुल 10 एशेज टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई टीम का नेतृत्व किया था, जिसमें से 8 में टीम को जीत मिली और 2 मैच ड्रॉ रहे थे। आर्मस्ट्रांग की अगुआई में एशेज 1920-21 को कंगारू टीम ने अपने घर पर खेलते हुए 4-0 से जीता था। इसके बाद 1921 में इंग्लैंड में खेलते हुए सीरीज पर 3-0 से कब्जा जमाया था।
#2
माइक ब्रियरली (73.33)
इंग्लैंड के माइक ब्रियरली ने एशेज सीरीज के दौरान कुल 15 टेस्ट (1977-1981) में कप्तानी की थी, जिसमें से 11 में इंग्लिश टीम जीती और सिर्फ 1 टेस्ट हार मिली। इस बीच 3 टेस्ट ड्रॉ भी रहे थे। इस पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज ने अपने टेस्ट करियर में 39 मैच खेले थे, जिसमें 22.88 की औसत के साथ 1,442 रन बनाए थे। उन्होंने 91 रन के सर्वोच्च स्कोर के साथ 9 अर्धशतक लगाए थे।
#3
डब्ल्यूजी ग्रेस (61.53)
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान डब्ल्यूजी ग्रेस भी इस सूची का हिस्सा हैं। उन्होंने एशेज में 13 मैचों में इंग्लिश टीम की कप्तानी की थी, जिसमें से 8 में उनकी टीम जीती और 3 में हार का सामना किया। ग्रेस की कप्तानी में 2 एशेज टेस्ट ड्रॉ भी रहे थे। अपने टेस्ट करियर में ग्रेस ने 22 मैच खेले थे, जिसकी 36 पारियों में 32.29 की औसत के साथ 1,098 रन बनाए थे।
#4
डॉन ब्रैडमैन (57.89)
एशेज में डॉन ब्रैडमैन की कप्तानी का जीत प्रतिशत 57.89 रहा। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में उन्होंने 19 मैचों में कप्तानी की, जिसमें से 11 में ऑस्ट्रेलिया को जीत मिली और 3 में शिकस्त मिली। उनके नेतृत्व में एशेज में खेले गए 5 मैच ड्रॉ रहे। ब्रैडमैन एशेज सीरीज के इतिहास में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। उन्होंने इस टूर्नामेंट में 37 मैचों में 89.78 की औसत के साथ 5,028 रन बनाए थे।