ग्रेग चैपल को मिलनी चाहिए भारतीय क्रिकेटर्स की एक पीढ़ी सुधारने की क्रेडिट- रैना
भारत के कोच रह चुके ग्रेग चैपल का कार्यकाल विवादों से घिरा रहा। चैपल ने 2005 से लेकर 2007 तक भारत को कोचिंग दी थी। उन्हें आज भी उनके विवादों के कारण ही अक्सर याद किया जाता है। हालांकि, पूर्व भारतीय बल्लेबाज सुरेश रैना ने चैपल की खूब तारीफ की है। रैना ने अपनी आने वाली किताब में लिखा है कि भारतीय क्रिकेट की एक पीढ़ी को सुधारने का क्रेडिट चैपल को ही जाता है।
चैपल ने भारत को जीतना सिखाया- रैना
रैना की Believe: What Life and Cricket Taught Me नाम से आत्मकथा आने वाली है और उन्होंने इसी किताब में चैपल की तारीफ की है। उन्होंने लिखा, "मैं सोचता हूं कि सारे विवादों के बीच उनका कोचिंग करियर अच्छा रहा। उन्होंने भारत को जीतना और जीत की अहमियत समझाया।" चैपल की कोचिंग में उस समय स्कोर का पीछा करने में कमजोर मानी जाने वाली भारतीय टीम ने लगातार 14 मैच स्कोर का पीछा करते हुए जीते थे।
शुरुआत में ही रैना को मिले थे खूब मौके
2005 में ही रैना ने अपना अंतरराष्ट्रीय करियर शुरु किया था और चैपल के अंडर उन्हें शुरुआत में अपनी कला दिखाने का मौका मिला था। डेब्यू साल में खेले आठ मैचों में केवल 89 रन बनाने के बावजूद रैना को लगातार मौके मिले। रैना ने 2006 में 26 वनडे मैचो में 500 रन बनाए थे। इस दौरान उन्होंने तीन अर्धशतक लगाए थे। 2007 में उन्हें विश्व कप और टी-20 विश्व कप दोनों खेलने का मौका नहीं मिला था।
स्कोर का पीछा करने के लिए तनाव लेते थे कोच- रैना
रैना ने कप्तान और कोच के बारे में लिखा, "उस समय हम लोग काफी अच्छा खेल रहे थे, लेकिन मुझे याद है कि वह बल्लेबाजी मीटिंग्स के दौरान स्कोर का पीछा करने को लेकर काफी तनाव लेते थे।" युवराज सिंह, एमएस धोनी और खुद रैना की मजबूती से भारत की बल्लेबाजी काफी सेट दिख रही थी। इन बल्लेबाजों की बदौलत भारत ने स्कोर का पीछा करने की कला हासिल कर ली थी।
लगातार चलता रहा था गांगुली और चैपल के बीच विवाद
चैपल द्वारा जिम्बाब्वे दौरे पर गांगुली पर कप्तानी छोड़ने का दबाव बनाने के साथ ही विवाद शुरु हुआ था और इसके बाद से गांगुली का टीम से बाहर और अंदर होने चालू हो गया था। चैपल ने गांगुली की आलोचना करते हुए BCCI को ई-मेल भी लिखा था। 2007 विश्व कप से पहले तक दोनों के बीच तकरार चलती रही और टूर्नामेंट में टीम के खराब प्रदर्शन के बाद चैपल को हटा दिया गया था।