
टी-20 क्रिकेट: इन खिलाड़ियों ने बतौर कप्तान जीते हैं सर्वाधिक मैच, शीर्ष पर है यह दिग्गज
क्या है खबर?
वर्तमान दौर में टी-20 क्रिकेट की लोकप्रियता काफी बढ़ गई है। अधिकतर देशों में टी-20 लीग का आयोजन हो रहा है। इस प्रारूप में दर्शकों को चौके-छक्कों की झड़ी देखने को मिलती है। यही कारण है इसमें अधिकतर बल्लेबाजों का ही दबदबा रहता है, लेकिन मैच जीतने के लिए एक बेहतर रणनीति बनाने वाले कप्तान की भी जरूरत होती है। ऐसे में आइए टी-20 में सर्वाधिक मैच जीतने वाले कप्तानों पर नजर डालते हैं।
#1
महेंद्र सिंह धोनी - 192 मैच
इस सूची में पहले पायदान पर पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी है। उन्होंने 2007 से 2025 तक कुल 331 मैचों में कप्तानी की है, जिसमें से 192 में जीत और 133 में हार मिली है। इसी तरह 4 मैच बेनतीजा रहे हैं। उनकी कप्तानी में ही भारतीय क्रिकेट टीम ने 2007 में पहली बार आयोजित टी-20 विश्व कप जीता था। इसी तरह धोनी की कप्तानी में ही चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने 5 बार IPL खिताब जीता है।
#2
रोहित शर्मा - 140 मैच
इस सूची में भारतीय वनडे टीम के कप्तान रोहित शर्मा दूसरे नंबर पर हैं। उन्होंने 2013 से 2024 तक कुल 225 मैचों में कप्तानी की है, जिसमें से 140 में जीत और 93 मैचों में हार मिली है। इसी तरह 5 मैच बराबर रहे हैं। रोहित की कप्तानी में ही भारतीय टीम ने टी-20 विश्व कप 2024 का खिताब जीता था। इसी तरह रोहित की कप्तानी में ही मुंबई इंडियंस (MI) ने 5 बार IPL खिताब जीता है।
#3
जेम्स विंस - 109 मैच
इंग्लैंड क्रिकेट टीम के बल्लेबाज जेम्स विंस इस सूची में तीसरे पायदान पर हैं। उन्होंने साल 2014 से 2025 तक इस प्रारूप में 224 मैचों में कप्तानी की है, जिसमें से टीम को 109 में जीत मिली है और 103 में हार का सामना करना पड़ा है। विंस अभी इंग्लैंड में 'द हंड्रेड' टूर्नामेंट में सदर्न ब्रेव की कप्तानी कर रहे हैं। उन्होंने 27 अगस्त को जीत हासिल करते हुए दक्षिण अफ्रीका फाफ डु प्लेसिस को पीछे छोड़ा है।
#4
फाफ डु प्लेसिस - 108 मैच
दक्षिण अफ्रीका के तूफानी बल्लेबाज फाफ डु प्लेसिस इस मामले में चौथे नंबर पर हैं। डु प्लेसिस ने 2012 से 2025 तक कुल 209 मैचों में कप्तानी की है, जिसमें से 108 मैचों में जीत और 92 में हार का सामना करना पड़ा है। इसी तरह 1 मैच बराबर और 8 मुकाबले अनिर्णित रहे हैं। डु प्लेसिस IPL में भी 3 बार RCB की कप्तानी कर चुके थे, लेकिन वह अपनी टीम को खिताब दिलाने में नाकाम रहे थे।