टी-20 क्रिकेट के बादशाह सूर्यकुमार यादव के वनडे क्रिकेट में कमजोर पड़ने के क्या हैं कारण?
क्या है खबर?
भारतीय क्रिकेटर सूर्यकुमार यादव का टी-20 बल्लेबाज के रूप में प्रदर्शन रोमांचक रहा है, लेकिन वनडे क्रिकेट में उनकी क्षमता सवालों के घेरे में है।
यह भारतीय स्टार यकीनन टी-20 क्रिकेट में सबसे खतरनाक बल्लेबाज हैं, लेकिन उन्हें अपने सबसे छोटे प्रारूप के कौशल को वनडे क्रिकेट में बदलने के लिए संघर्ष करना पड़ा है।
आइए उन कारणों पर चर्चा करते हैं कि आखिर क्यों सूर्यकुमार के इन प्रारूपों के खेल में जमीन और आसमान का अंतर है?
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सूर्यकुमार के वनडे और टी-20 अंतरराष्ट्रीय आंकड़ों की तुलना
सूर्यकुमार ने 54 अंतरराष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट करियर में अब तक 46.85 की औसत और 173.37 की दमदार स्ट्राइक रेट से 1,921 रन बनाए हैं।
117 के उच्चतम स्कोर के साथ उन्होंने 3 शतक और 16 अर्धशतक जमाए हैं।
इसके विपरित 37 वनडे मैचों में उन्होंने 25.76 की साधारण औसत और 105.02 की स्ट्राइक रेट से केवल 773 रन बनाए हैं।
वनडे क्रिकेट में उनके नाम 72* के उच्चतम स्कोर के साथ केवल 4 अर्धशतक दर्ज हैं।
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लिस्ट-A और टी-20 आंकड़ों में भी वही पैटर्न
उनके पक्ष में यह तर्क सुनने को मिलते है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का दबाव अलग होता या वनडे में सूर्यकुमार को बल्लेबाजी के सीमित अवसर मिले।
उनके लिस्ट-A क्रिकेट और टी-20 आंकड़ों पर नजर डालने पर लगभग वैसा ही अंतर देखने को मिले जो वनडे और टी-20 अंतरराष्ट्रीय में हैं।
उनका टी-20 औसत 35.52 का है जो इस प्रारूप के अनुसार तो ठीक है, लेकिन लिस्ट-A में उनका औसत 33.58 का है जो काफी कम है।
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सूर्यकुमार की अनूकुलन क्षमता पर सवाल उठाना कितना जायज?
इन आंकड़ों को देखने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि टी-20 में सूर्यकुमार की आक्रामक शैली वनडे क्रिकेट के थोड़े लंबे प्रारूप में अच्छी तरह से अनुवादित नहीं हुई है।
अपनी पारी की शुरुआत में आक्रामक शॉट खेलने की उनकी प्रवृत्ति अक्सर उनके पतन का कारण बनती दिखाई देती है।
यही वजह है कि उनके अलग-अलग खेल स्थितियों में उनकी अनुकूलन क्षमता और मानसिक दृढ़ता पर सवाल उठने लगे हैं।
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टी-20 अंतरराष्ट्रीय में अब तक कारगर रही है सूर्यकुमार की रणनीति
सूर्यकुमार टी-20 अंतरराष्ट्रीय में पिछले दो वर्षों से निर्विवाद रूप से दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे हैं।
विशेष रूप से पारी की शुरुआत से ही गेंदबाजों पर दबाव बनाने की उनकी रणनीति टी-20 क्रिकेट में अब तक कारगर रही है।
उन्होंने अपने 360 डिग्री रेंज के स्ट्रोक्स, गति और स्पिन पर समान रूप से अच्छी तरह से हमला करने की क्षमता और मुश्किल परिस्थितियों से निपटने के कौशल के माध्यम से इसे हासिल किया है।
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दोनों प्रारूपों में खेल की मानसिकता का स्पष्ट अंतर
सूर्यकुमार टी-20 अंतरराष्ट्रीय में तो 'हिट या मिस' मानसिकता के साथ खेलने का जोखिम उठा सकते हैं।
वनडे में ऐसा दृष्टिकोण उनके और टीम के लिए 'जानलेवा' साबित होता है और इसी के परिणामस्वरूप असंगत परिणाम मिलने की आशंका बनी रहती है।
ये भी हो सकता है कि शायद वनडे सेटअप में उनकी सबसे बड़ी भूमिका एक फिनिशर के रूप में होगी, क्योंकि उन्हें तीसरे या चौथे क्रम पर आगे खिलाना उनकी खेल शैली के अनुरूप नहीं लगता है।
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वनडे में सूर्यकुमार का बल्लेबाजी क्रम भी तय नहीं
यहां यह भी समझना होगा कि भारतीय टीम प्रबंधन को सूर्यकुमार की बल्लेबाजी स्थिति के साथ प्रयोग करने से भी मदद नहीं मिली होगी।
अपने सीमित वनडे करियर में, उन्होंने नंबर 3 से नंबर 7 तक हर स्थान पर बल्लेबाजी की। इससे भी उनके फोकस पर फर्क पड़ा होगा।
विभिन्न बल्लेबाजी क्रम पर प्रदर्शन:
नंबर-3: 2 पारी, 53 रन
नंबर-4: 5 पारी, 30 रन
नंबर-5: 11 पारी, 320 रन
नंबर-6: 15 पारी, 352 रन
नंबर-7: 2 पारी, 18 रन
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सूर्यकुमार का साल दर साल वनडे और टी-20 अंतरराष्ट्रीय में प्रदर्शन
वनडे:
2021: 3 मैच, 124 रन, 62.00 औसत, 122.77 स्ट्राइक रेट
2022: 13 मैच, 260 रन, 26.00 औसत, 95.52 स्ट्राइक रेट
2023: 21 मैच, 389 रन, 21.61 औसत, 109.88 स्ट्राइक रेट
टी-20 अंतरराष्ट्रीय:
2021: 11 मैच, 244 रन, 34.85 औसत, 156.41 स्ट्राइक रेट
2022: 31 मैच, 1,164 रन (विश्व क्रिकेट में सर्वाधिक), 45.56 औसत, 187.43 स्ट्राइक रेट, 2 शतक
2023: 12 मैच, 513 रन, 57.00 औसत, 155.45 स्ट्राइक रेट, 1 शतक
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क्या कहते हैं इस खेल से जुड़े विशेषज्ञ?
पूर्व भारतीय खिलाड़ी, कोच और वर्तमान में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) की जूनियर चयन समिति के सदस्य अनूप दवे ने इस बारे में अपनी राय दी।
उन्होंने कहा, "टी-20 और वनडे फॉर्मेट में मानसिक दबाव का बड़ा फर्क होता है। टी-20 में खिलाड़ी को तेजी से रन बनाने का दबाव होता है, जबकि वनडे में पारी को संवारने और लंबा खिंचने की जरूरत होती है। सूर्यकुमार की शैली के हिसाब टी-20 तो मुफीद है, लेकिन वनडे उन्हें असहज करता है।"