छलका युवराज का दर्द, कहा- इस टूर्नामेंट के बाद फेंके गए थे घर पर पत्थर
क्या है खबर?
पूर्व स्टार भारतीय खिलाड़ी युवराज सिंह ने भले ही क्रिकेट को अलविदा कह दिया है, लेकिन वह खुद को इस खेल से दूर नहीं कर पाए हैं।
कई बार ऐसा देखा जा चुका है कि युवराज ने पब्लिक प्लेटफॉर्म मे अपना दुख जाहिर किया है।
भारत को 2011 विश्वकप जिताने वाले युवी ने अब खुलासा किया है कि 2014 टी-20 विश्वकप फाइनल के बाद उनके घर पर पत्थर फेंके गए थे।
खुलासा
घर पर फेंके गए थे पत्थर- युवराज
युवराज ने कहा कि वह 2014 टी-20 विश्वकप फाइनल में अच्छा नहीं खेल सके थे और इसके बाद वह खुद को विलेन मानने लगे थे।
उन्होंने आगे कहा, "मीडिया ने मुझ पर आक्रमण किया और वे मेरे ऊपर बुरी तरह चिल्ला रहे थे। हां, मेरे घर पर भी कुछ पत्थर फेंके गए थे। मैं खुद को अपराधी मानने लगा था जैसे मैंने किसी का खून कर दिया हो और मैं जेल जाने वाला हूं।"
2014 टी-20 विश्वकप
2014 टी-20 विश्वकप फाइनल में भारत को मिली थी हार
श्रीलंका के खिलाफ टी-20 विश्वकप फाइनल में युवराज 11वें ओवर में क्रीज़ पर आए थे, लेकिन 21 गेंदों में 11 रन ही बना सके थे।
विराट कोहली (77) ने भारत को 130 के स्कोर तक पहुंचाया था। स्कोर का पीछा करने उतरी श्रीलंका ने 18वें ओवर में ही छह विकेट से मुकाबला जीत लिया था।
आखिरी छह ओवरों में भारतीय टीम केवल 37 रन ही बना सकी थी।
KXIP
KXIP से भाग जाना चाहता था- युवराज
132 IPL मैचों में 2,750 रन बनाने वाले युवराज ने यह भी कहा कि वह लगातार कई सालों तक एक फ्रेंचाइजी के लिए नहीं खेल सके और वह किंग्स इलेवन पंजाब छोड़कर भाग जाना चाहते थे।
उन्होंने कहा, "मैं अगर कहीं से भागना चाहता था तो वह जगह थी किंग्स इलेवन पंजाब। जब भी मैं कोई खिलाड़ी चाहता था तो वे मुझे देते नहीं थे। जब मैंने टीम छोड़ दी तो उन्होंने वही प्लेयर्स खरीदे जिन्हें मैं चाहता था।"
बल्लेबाजी कोच
क्या खिलाड़ियों की मदद करने लायक हैं राठौर?- युवराज
वर्तमान समय में भारतीय बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर पर भी युवराज ने निशाना साधा है।
58 टी-20 में 1,177 रन बनाने वाले युवराज ने कहा, "राठौर मेरे दोस्त हैं। क्या आपको लगता है कि वह इस पीढ़ी के टी-20 प्लेयर्स की मदद कर सकते हैं? क्या उन्होंने उनकी मदद करने के लिए उस लेवल की क्रिकेट खेली है?"
आपको बता दें कि राठौर ने 1996 से 1997 के बीच छह टेस्ट और सात वनडे खेले हैं।