सरकार द्वारा श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड इसी सप्ताह किया जा सकता है भंग- रिपोर्ट
श्रीलंका क्रिकेट में इन दिनों कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। एक ओर श्रीलंका क्रिकेट टीम मैदान पर धराशाई हो रही है तो दूसरी ओर श्रीलंका क्रिकेट (SLC) की साख पर बड़ा धब्बा लगा है। वित्तीय गड़बड़ी के चलते बोर्ड सरकार के निशाने पर आ गया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में तो यहां तक दावा किया जा रहा है कि अगले सप्ताह तक SLC को सरकार द्वारा भंग तक किया जा सकता है। आइये जानते हैं पूरा मामला।
बोर्ड अधिकारियों ने किए बेवजह के दौरे
खेल मंत्री रोशन रणसिंघे ने क्रिकेट बोर्ड में भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने के बाद एक छह सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस समिति ने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें SLC में व्याप्त भ्रष्टाचार के को लेकर कई बड़े खुलासे किए गए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि ऑस्ट्रेलिया में आयोजित हुए टी-20 विश्व कप में कई बड़े अधिकारियों ने बेवजह के दौरे किए, जिससे बोर्ड पर अनावश्यक वित्तीय भार पड़ा।
कमेटी द्वारा बोर्ड के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग
कमेटी ने खेल मंत्री को कथित वित्तीय कुप्रबंधन की गंभीरता को देखते हुए खेल कानून और उसके तहत स्थापित नियमों के तहत SLC की मान्यता को निलंबित करने, रद्द करने या फिर से सक्रिय करने के लिए अपने अधिकार का उपयोग करने की सलाह दी है। इसके अलावा जांचकर्ताओं ने मंत्री को कथित खर्च का स्वतंत्र ऑडिट कराने और सबूतों को नष्ट होने से बचाने के लिए बोर्ड के दस्तावेजों को जब्त करने की भी सलाह दी।
खेल मंत्री रोशन रणसिंघे ने कहा ये
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रीलंका सरकार में खेल मंत्री रोशन रणसिंघे ने कहा है कि वह रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद उचित कार्रवाई करेंगे। कानूनी टीम के साथ इस मसले पर विस्तृत चर्चा की जा रही है। दूसरी ओर बोर्ड सचिव सचिव मोहन डी सिल्वा ने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हुए कहा, "हम कथित निष्कर्षों के खिलाफ संस्था के अच्छे नाम की रक्षा के लिए कानूनी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होंगे।"
टी-20 विश्व कप में अधिकारियों के दौरों पर खर्च हुआ बेहिसाब पैसा
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार द्वारा खर्चों में कटौती के निर्देश के बावजूद बोर्ड ने विश्व कप के लिए 16 प्रशासकों को ऑस्ट्रेलिया भेज दिया, जिनकी यात्रा पर करोड़ों रुपये खर्च हुए। जांच रिपोर्ट के अनुसार लगभग 3.94 करोड़ रुपये अधिकारियों के भत्तों पर खर्च किए गए, इसके अलावा लगभग 2.56 करोड़ रुपये हवाई यात्रा पर खर्च हुए। विश्व कप देखने के लिए जाने वालों में दो वेतनभोगी कर्मचारी और कार्यकारी समिति के 14 सदस्य शामिल थे।
इन लोगों ने की बोर्ड के खर्चे पर यात्रा
ऑस्ट्रेलिया यात्रा करने वालों में अध्यक्ष शम्मी सिल्वा, सचिव मोहन डी सिल्वा, उपाध्यक्ष जयंत धर्मदास और रवीन विक्रमरत्ने, कोषाध्यक्ष लसंथा विक्रमसिंघे, CEO एशले डी सिल्वा, COO जेरोम जयरत्ने शामिल हैं। कार्यकारी समिति के सदस्य सुजीवा गोडालियाड्डा, क्रिसंथा कपुवट्टे, जनक पथिराना, थिलक वथुहेवा, सामंथा डोडानवेला, प्रियंता अल्गामा, बंडुला दिसानायके, रियर एडमिरल निशांथा डी सिल्वा और नलिन अपोंसु भी थे। COO जेरोम के लिए दावा किया गया कि टीम के साथ उनकी कोई भूमिका नहीं थी, उन्होंने परिवार के साथ समय बिताया।
जिम्मेदारों ने निजी लाभ पर खर्च किया बोर्ड का पैसा- कमेटी
जांच कमेटी ने रिपोर्ट के साथ बयान में कहा, "श्रीलंका क्रिकेट संविधान के अनुसार, उनका एक प्रमुख उद्देश्य श्रीलंका में क्रिकेट के खेल को बढ़ावा देना, प्रोत्साहित करना, विनियमित करना और नियंत्रित करना है। हालांकि, ऐसा करने के बजाय, जिम्मेदार पदों पर आसीन अधिकारियों ने बोर्ड फंड का इस्तेमाल अपने निजी लाभ के लिए किया है, यह कहते हुए कि यह खेल के लिए उनके द्वारा की जाने वाली मानद सेवा के लिए एक प्रोत्साहन है।"