भारतीय टीम के साथ गुवाहाटी पहुंचे शुभमन गिल, जानिए चोट को लेकर BCCI ने क्या कहा
क्या है खबर?
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान शुभमन गिल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के पहले ईडन गार्डन टेस्ट में चोटिल हो गए थे। चोट लगने के चलते वह दूसरी पारी में बल्लेबाजी भी नहीं कर सके थे। हालांकि, अब 19 नवंबर को वह भारतीय टीम के साथ गुवाहाटी पहुंच गए हैं। जहां दूसरा टेस्ट मैच खेला जाना है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने उनकी चोट को लेकर बयान जारी किया है। ऐसे में आइए पूरी खबर पर नजर डालते हैं।
बयान
BCCI ने क्या कहा?
BCCI ने कहा, "शुभमन को कोलकाता टेस्ट के दौरान गर्दन में चोट लगी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। अगले दिन उन्हें निगरानी में रखने के बाद छुट्टी दे दी गई। उनको दी गई मेडिकल सुविधा का अच्छा असर दिख रहा है और वह 19 नवंबर को टीम के साथ गुवाहाटी के लिए यात्रा करेंगे। BCCI की मेडिकल टीम उनकी स्थिति पर नजर बनाए है और दूसरे टेस्ट में उनकी उपलब्धता को लेकर फैसला समय आने पर लिया जाएगा।"
चोट
ऐसे लगी थी शुभमन को चोट
दूसरे दिन बल्लेबाजी पर आए शुभमन ने पहले चौका लगाया और उसके बाद गर्दन की दर्द से परेशान हुए। उनको देखने के लिए तुरंत फिजियो मैदान पर आए। इसके बाद वह मैदान छोड़कर चले गए थे। ड्रेसिंग रूम की ओर जाते समय शुभमन काफी असहज महसूस कर रहे थे। वह जरा भी अपनी गर्दन नहीं घुमा पा रहे थे। चोट के कारण कप्तान शुभमन तीसरे दिन बल्लेबाजी के लिए उपलब्ध नहीं थे, क्योंकि उसी दौरान वे अस्पताल में भर्ती थे।
सीरीज
सीरीज में 1-0 से पीछे है भारतीय टीम
पहले टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी 159 रन पर समाप्त हुई। जसप्रीत बुमराह ने 5 विकेट चटकाए। जवाब में भारत की पहली पारी 189 रन पर खत्म हुई। दक्षिण अफ्रीका की दूसरी पारी में तेम्बा बावुमा ने 55 रन की शानदार पारी खेली। हालांकि, पूरी टीम सिर्फ 153 रन ही बना सकी थी। भारत की दूसरी पारी में कोई बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल पाया था। वह मुकाबला 30 रन से हार गए थे।
करियर
ऐसा रहा है शुभमन का टेस्ट करियर
शुभमन ने अपना पहला टेस्ट मैच साल 2020 में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के खिलाफ खेला था। उन्होंने अब तक 40 मुकाबले खेले हैं और इसकी 73 पारियों में 43.07 की शानदार औसत के साथ 2,843 रन बनाने में सफल रहे हैं। उनके बल्ले से 10 शतक के अलावा 8 अर्धशतक भी निकले हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 269 रन रहा है। वह अपने टेस्ट करियर में 5 बार बिना खाता खोले भी पवेलियन लौटे हैं।