श्रेयस अय्यर ने किया पृथ्वी शॉ का समर्थन, कहा- अनुशासित होने पर हो सकते हैं सफल
बीते रविवार (15 दिसंबर) को मुंबई क्रिकेट टीम ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2024-25 का खिताब जीता। श्रेयस अय्यर की कप्तानी वाली मुंबई ने फाइनल में मध्य प्रदेश क्रिकेट टीम को हराया। पिछले कुछ समय से खराब फॉर्म में जूझ रहे पृथ्वी शॉ इस टूर्नामेंट में भी निरंतरता हासिल करने में नाकाम रहे। इस बीच मुंबई के कप्तान अय्यर ने पृथ्वी को लेकर दिलचस्प बात कही है। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा है।
अनुशासन से बुलंदियों को छू सकते हैं पृथ्वी शॉ- श्रेयस अय्यर
मुंबई के कप्तान अय्यर ने पृथ्वी का समर्थन किया और कहा कि वह अनुशासन से बुलंदियों को छूने की काबिलियत रखते हैं। बेंगलुरु में मध्य प्रदेश के खिलाफ खिताबी जीत के बाद अय्यर ने कहा, "व्यक्तिगत रूप से मुझे लगता है कि वह प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं। एक व्यक्ति के रूप में उनके पास जितनी प्रतिभा है, उतनी किसी और के पास नहीं है। बस उन्हें अपने काम के तरीके में सुधार करने की जरूरत है।"
पृथ्वी को खुद ही अपनी गलतियों को सुधारना होगा- अय्यर
अय्यर ने सुझाव दिया कि पृथ्वी को खुद ही अपनी गलतियों का पता लगाकर के उस पर सुधार करना होगा। उन्होंने आगे कहा, " इस स्तर पर खेलने वाले हर पेशेवर खिलाड़ी को यह पता होना चाहिए कि उन्हें क्या करना है। पृथ्वी ने अतीत में ऐसा किया है। उन्हें ध्यान केंद्रित करना होगा और खुद ही अपनी गलतियों का पता लगाना होगा। कोई भी उन्हें कुछ करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता।"
ऐसा रहा पृथ्वी शॉ का प्रदर्शन
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के इस सीजन में पृथ्वी ने मुंबई के लिए सभी 9 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 21.88 की औसत और 156.34 की स्ट्राइक रेट के साथ 197 रन बनाए। इस बीच वह एक भी अर्धशतक नहीं लगा सके और 49 रन उनकी सर्वोच्च स्कोर रहा। वह सेमीफाइनल में बड़ौदा के खिलाफ 8 रन और फाइनल में मध्य प्रदेश के खिलाफ वह 10 रन बनाकर आउट हुए।
मुंबई ने दूसरी बार जीता खिताब
मुंबई ने मध्य प्रदेश को 5 विकेट से हराते हुए दूसरी बार यह खिताब जीता। फाइनल मुकाबले में मध्य प्रदेश ने पहले बल्लेबाजी करते हुए कप्तान रजत पाटीदार के अर्धशतक (81*) की बदौलत 174/8 का स्कोर बनाया। जवाब में मुंबई को शुरुआती झटके लगे, लेकिन बाद में टीम ने 17.5 ओवर में 5 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। मुंबई से सूर्यकुमार यादव ने सर्वाधिक 48 रन बनाए। सूर्यांश शेडगे (36*) और अजिंक्य रहाणे (37) ने भी उपयोगी योगदान दिया।