श्रीलंकाई खिलाड़ी शेहान जयसूर्या ने केवल 29 साल की उम्र में लिया क्रिकेट से संन्यास
श्रीलंका के 29 वर्षीय क्रिकेटर शेहान जयसूर्या ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। श्रीलंका क्रिकेट (SLC) के मुताबिक वह परिवार के साथ अमेरिका में बसने जा रहे हैं और इसी कारण उन्होंने यह फैसला लिया है। बोर्ड ने जानकारी दी है कि जयसूर्या तत्काल प्रभाव से नेशनल या फिर घरेलू क्रिकेट की सिलेक्शन के लिए उपलब्ध नहीं होंगे। आइए जानते हैं क्या है पूरी खबर और SLC का बयान।
SLC ने जारी किया अपना बयान
SLC ने अपने बयान में कहा कि जयसूर्या बोर्ड को बता चुके हैं कि वह नेशनल और घरेलू मैचों के सिलेक्शन के लिए उपलब्ध नहीं होंगे। बोर्ड ने आगे कहा, "जयसूर्या ने यह निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि वह परिवार समेत अमेरिका में बसने जा रहे हैं। अपना निर्णय बताते समय उन्होंने SLC को मौका देने के लिए धन्यवाद दिया।" SLC ने भी जयसूर्या को उनकी सेवाओं के लिए धन्यवाद दिया है।
जयसूर्या ने 2015 में किया था अंतरराष्ट्रीय डेब्यू
2015 में अंतरराष्ट्रीय डेब्यू करने वाले जयसूर्या ने श्रीलंका के लिए 12 वनडे और 18 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। उन्होंने वनडे में 195 रन बनाए हैं जिसमें 96 उनका सर्वोच्च स्कोर रहा है। टी-20 में उन्होंने 241 रन बनाए हैं और 40 उनका सर्वोच्च स्कोर रहा है। जयसूर्या ने वनडे और टी-20 दोनों में तीन-तीन विकेट भी हासिल किए हैं। उन्होंने मार्च 2020 में श्रीलंका के लिए आखिरी मुकाबला खेला था।
एंडरसन ने भी 29 साल की उम्र में ही लिया है अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास
न्यूजीलैंड के ऑलराउंडर कोरी एंडरसन ने भी 29 साल की ही उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा है। दिसंबर 2020 की शुरुआत में एंडरसन ने तत्काल प्रभाव से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट छोड़ दिया था। दरअसल एंडरसन ने अमेरिका में होने वाले मेजर लीग क्रिकेट (MLC) टी-20 के साथ तीन साल का करार किया है। एंडरसन अमेरिका में क्रिकेट खेलने के लिए उत्सुक हैं और वह देश में हो रहे क्रिकेट से काफी प्रभावित हैं।
अमेरिकी क्रिकेट से काफी ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर्स
अमेरिका में क्रिकेट काफी तेजी से बढ़ावा हासिल कर रहा है और कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर्स इससे प्रभावित हो रहे हैं। दक्षिण अफ्रीकी स्पिनर डेन पीट भी पिछले साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहकर अमेरिका गए थे। लगातार ऐसा देखा जा रहा है कि जिन क्रिकेटर्स को अपने देश में पर्याप्त मौके नहीं मिल रहे हैं वे अमेरिका को अपना भविष्य मानकर वहां जाने का निर्णय ले रहे हैं।