खराब फॉर्म से गुजर रहे पृथ्वी शॉ को सचिन की इस सलाह ने वापस दिलाई फॉर्म
युवा भारतीय ओपनर पृथ्वी शॉ के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरा काफी निराशाजनक रहा था और इसके बाद से लगातार वह आलोचनाओं का सामना कर रहे थे। शॉ को ऑस्ट्रेलिया में तीन टेस्ट मैचों में प्लेइंग इलेवन में भी जगह नहीं मिली थी। हालांकि, विजय हजारे ट्रॉफी में उनका बल्ला आग उगल रहा है। अब उन्होंने खुद खुलासा किया है कि सचिन तेंदुलकर की सलाह ने उन्हें बुरे दौर से निकालने का काम किया है।
सचिन ने दी थी शरीर से करीब खेलने की सलाह- शॉ
शॉ ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्हें काफी कॉल आ रहे थे, लेकिन उस समय वह किसी से बात करने की स्थिति में नहीं थे। उन्होंने आगे कहा, "वापस आने के बाद मैं सचिन सर से मिला और उन्होंने कहा कि तकनीक में बहुत सारे बदलाव करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने समझाया कि मुझे केवल जितना भी हो सके उतना अपने शरीर के करीब खेलना चाहिए।"
ऑस्ट्रेलिया में डे-नाइट टेस्ट में ऐसा रहा था शॉ का प्रदर्शन
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डे-नाइट टेस्ट में शॉ शून्य और चार के स्कोर पर आउट हुए थे। दोनों ही पारियों में वह अंदर आती गेंद पर पूरी तरह चूके थे और क्लीन बोल्ड हुए थे। इसके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था।
विजय हजारे ट्रॉफी में खूब चल रहा है शॉ का बल्ला
विजय हजारे ट्रॉफी में शॉ धुंआधार बल्लेबाजी कर रहे हैं सात मैचों में 188.50 की औसत के साथ 754 रन बना चुके हैं। एक मैच शेष रहते हुए शॉ विजय हजारे के एक सीजन में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। इस सीजन शॉ ने एक 227 रनों की जोरदार पारी भी खेली है। चार शतक लगाने वाले शॉ ने 185 और 165 रनों की बड़ी पारियां भी खेली हैं।
जल्द से जल्द भारतीय टीम में वापसी करना है लक्ष्य- शॉ
भारतीय टीम से बाहर होने के बाद शॉ का लक्ष्य अधिक से अधिक रन बनाकर जल्द से जल्द टीम में वापसी करने का है। उन्होंने कहा, "क्वार्टर फाइनल के दौरान मेरी पीठ में दर्द थी और फिजियो ने मुझे वापस आने को कहा, लेकिन मैंने मना कर दिया था। दवाई खाकर मैंने बल्लेबाजी जारी रखी। मेरा लक्ष्य नाबाद रहने का था।" क्वार्टर फाइनल में शॉ ने नाबाद 185 रनों की पारी खेली थी।
तेजी से उभरने के बाद लगातार फिसल रहे हैं शॉ
शॉ ने लोकल स्कूल टूर्नामेंट में 330 गेंदों में 546 रनों की पारी खेलकर लाइमलाइट हासिल की थी। इसके बाद वह दलीप ट्रॉफी डेब्यू में शतक लगाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज बने। शॉ ने अपनी कप्तानी में भारत को अंडर-19 विश्व कप भी जिताया। भारत के लिए टेस्ट डेब्यू पर भी उन्होंने शानदार शतक लगाया था। प्रतिबंधित चीज का सेवन करने के कारण 2019 में 30 जुलाई से लेकर 16 नवंबर तक शॉ मैदान से दूर रहे थे।