रोहित और कोहली को मिला नवजोत सिंह सिद्धू का साथ, कहा- हमें उनका सम्मान करना चाहिए
क्या है खबर?
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा और प्रमुख बल्लेबाज विराट कोहली का बेहद खराब प्रदर्शन रहा था।
इसके बाद से उन्हें लगातार आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।
इस बीच पूर्व भारतीय क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने रोहित और कोहली का समर्थन किया है और कहा है कि हमें अपने दिग्गज खिलाड़ियों का सम्मान करना चाहिए।
आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा है।
समर्थन
सिद्धू ने किया कोहली और रोहित का समर्थन
सिद्धू ने कहा कि हर खिलाड़ी का बुरा दौर आता है और उम्र बढ़ने के साथ-साथ खिलाड़ियों के प्रदर्शन में गिरावट भी आती है। ऐसे में उन्हें मौका दिया जाना चाहिए।
सिद्धू ने स्पोर्ट्स तक पर कहा, "6 महीने पहले दोनों विश्व कप जिता के आए हैं। तुम दोनों पर ही दोष दोगे। आप ये बताओ कि भारत के शीर्ष-5 बल्लेबाजों ने किसने निरंतर रन बनाए हैं। क्रिकेट एक टीम गेम है और इसमें किसी पर दोष मढ़ना आसान है।"
बयान
हमें अपने नायकों का सम्मान करना चाहिए- सिद्धू
सिद्धू ने आगे में कहा, "यह पहली बार नहीं है कि कोहली को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। उनकी पत्नी को इन चीजों में घसीटा गया है। यह गलत है। हमें अपने नायकों का सम्मान करना सीखना चाहिए। थोड़ा धैर्य रखें। अगर किसी ने 80 शतक बनाए हैं और 10,000 रन के करीब बनाए हैं, तो आपको उसे कुछ भी बताने की जरूरत नहीं है। वह घर जाएगा, वीडियो देखेगा, और गलती समझ जाएगा।"
सलाह
रोहित को अपनी फिटनेस पर करना चाहिए काम
सिद्धू ने सलाह दी कि रोहित को अपनी फिटनेस पर काम करना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, "वो आदमी जो ऑस्ट्रेलिया के सामने आज पिछड़ गया, जिसका बुरा वक्त चल रहा है, लेकिन आपको ये नहीं भूलना चाहिए कि उन्होंने विश्व कप में मिचेल स्टार्क को 3 छक्के मारे थे। जब वह 90 रन पर बल्लेबाजी कर रहे थे, तो उनके साथी बल्लेबाज 10 रन ही बना सके थे। इतनी जल्दी भूल गए। वह भारतीय क्रिकेट का हीरा हैं ।"
प्रदर्शन
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में कैसा रहा कोहली और रोहित का प्रदर्शन?
कोहली ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में 9 पारियों में 23.75 की औसत के साथ 190 रन बनाए।
उन्होंने पहले पर्थ टेस्ट में शतक लगाया था और उसके बाद उनके बल्ले से रन नहीं निकले थे।
दूसरी तरफ रोहित ने 3 टेस्ट की 5 पारियों में 6.20 की बेहद खराब औसत के साथ कुल 31 रन बनाए थे। वह सीरीज के पहले और आखिरी टेस्ट में नहीं खेले थे।