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रणजी ट्रॉफी में दुर्लभ तरीके से आउट हुआ यह बल्लेबाज, 2 बार बल्ले से मारी गेंद  
रणजी ट्रॉफी में अनोखी घटना देखने को मिली (प्रतीकात्मक तस्वीर)

रणजी ट्रॉफी में दुर्लभ तरीके से आउट हुआ यह बल्लेबाज, 2 बार बल्ले से मारी गेंद  

Nov 19, 2025
11:18 am

क्या है खबर?

रणजी ट्रॉफी प्लेट लीग में मेघालय क्रिकेट टीम के खिलाफ सूरत में खेले गए मैच में मणिपुर के लमाबम सिंह दुर्लभ तरीके से आउट हो गए। आर्यन बोरा की गेंद को अजय ने डिफेंड किया, लेकिन गेंद धीमे-धीमे स्टंप्स की ओर लुढ़कने लगी। इसे रोकने के लिए उन्होंने दूसरी बार बल्ले से गेंद को मारा जो नियमों के तहत वैध है, लेकिन फिर भी अंपायर ने उन्हें आउट दे दिया। खिलाड़ी ने इस फैसले का विरोध नहीं किया।

आउट

बल्लेबाज ने अंपायर के फैसले पर सवाल नहीं उठाए 

मैच के एक अधिकारी ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो से कहा, "लमाबम गेंद को पैड से रोक सकते थे, लेकिन उन्होंने उसे बल्ले से रोकना चुना, जिसके बाद अंपायर धर्मेश भारद्वाज ने तुरंत उन्हें 'हिट द बॉल ट्वाइस' आउट दे दिया। जैसे ही मेघालय की टीम ने अपील की बल्लेबाज बिना किसी बहस के सीधे पवेलियन लौट गए।" बल्लेबाज के पास वैध विकल्प होने के बावजूद उन्होंने ऐसा कदम उठाया, जिसके कारण उन्हें दुर्लभ तरीके से आउट होना पड़ा।

नियम

क्या कहता है नियम?

MCC के नियम 34.1.1 के अनुसार, यदि गेंद खेल में हो और स्टाइक पर खड़े खिलाड़ी के शरीर या बल्ले से टकराने के बाद बल्लेबाज जानबूझकर उसे दूसरी बार बल्ले या शरीर के किसी हिस्से से मारता है तो वह 'हिट द बॉल ट्वाइस' आउट माना जाएगा। हालांकि, यदि बल्लेबाज दूसरी बार सिर्फ अपने स्टंप्स की रक्षा के लिए गेंद को रोकता है तो उसे आउट नहीं दिया जाता। यह नियम फील्डर के गेंद छूने से पहले लागू होता है।

रिकॉर्ड

इससे पहले कब हुए थे खिलाड़ी ऐसे आउट 

रणजी ट्रॉफी में इस बेहद दुर्लभ तरीके से आउट होने की पिछली घटना 2005-06 में दर्ज हुई थी, जब जम्मू-कश्मीर के कप्तान ध्रुव महाजन झारखंड के खिलाफ इसी तरह आउट दिए गए थे। उनके अलावा केवल 3 खिलाड़ी ऐसे आउट हुए थे। 1963-64 में आंध्र प्रदेश के के. बवन्ना, 1986-87 में जम्मू-कश्मीर के शाहिद परवेज और 1998-99 में तमिलनाडु के आनंद जॉर्ज। कुछ ही खिलाड़ियों का इस दुर्लभ नियम के तहत आउट होना इसे और भी खास बनाता है।

जानकारी

खाता खोले बिना आउट हुए लमाबम 

लमाबम ने 20 गेंदों का सामना किया और खाता खोले बिना पवेलियन लौटे। मेघालय को मैच में 88 रन की बढ़त मिली। अब मणिपुर ड्रॉ बचाने की उम्मीद करेगा, क्योंकि एक अंक भी उन्हें शीर्ष-2 में जगह दिलाकर प्लेट फाइनल में पहुंचा सकता है।