
रणजी ट्रॉफी 2023-24: मुंबई ने विदर्भ को हराते हुए 42वीं बार जीता खिताब
क्या है खबर?
रणजी ट्रॉफी 2023-24 का खिताब एक बार फिर मुंबई क्रिकेट टीम ने अपने नाम किया।
वानखेड़े स्टेडियम पर खेले गए मैच में मुंबई ने विदर्भ क्रिकेट टीम को 169 रन से हराते हुए रिकॉर्ड 42वीं खिताब पर कब्जा जमाया।
फाइनल में जीत के लिए मिले 538 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए विदर्भ की दूसरी पारी 368 रन ही बना सकी।
आइए फाइनल मुकाबले पर एक नजर डालते हैं।
लेखा-जोखा
मुकाबले के आखिरी दिन मिली मुंबई को जीत
टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए मुंबई ने अपनी पहली पारी में 224 रन बनाए, जिसमें शार्दुल ठाकुर ने सर्वाधिक 75 रन बनाए।
जवाब में विदर्भ की पारी सिर्फ 105 रन पर ही सिमट गई।
मजबूत बढ़त हासिल करने वाली मुंबई ने अपनी दूसरी पारी में मुशीर खान (136), अजिंक्य रहाणे (73) और श्रेयस अय्यर (95) की पारियों की बदौलत 418 रन बनाए।
लक्ष्य का पीछा करते हुए विदर्भ से अक्षय वाडकर ने शतक लगाया, लेकिन जीत नहीं दिला सके।
शार्दुल
शार्दुल ने खेली उपयोगी पारी
मुंबई ने जब 111 रन के स्कोर पर अपना छठा विकेट खोया था, तब शार्दुल क्रीज पर बल्लेबाजी के लिए आए थे।
मुश्किल घड़ी में शार्दुल ने आक्रामक रुख अपनाते हुए तेजी से रन बनाना शुरू कर दिया। वह पारी 69 गेंदों में 75 रन बनाकर आउट हुए। इसमें 8 चौके और 3 छक्के शामिल रहे।
उन्होंने शम्स मुलानी (13) के साथ 43 और तुषार देशपांडे (17) के साथ 42 रन की साझेदारी निभाई।
मुशीर
मुशीर खान ने जड़ा प्रथम श्रेणी करियर का दूसरा शतक
मुशीर ने 326 गेंद का सामना किया और 10 चौके की मदद से 136 रन बनाने के बाद आउट हुए। यह उनके प्रथम श्रेणी करियर का दूसरा शतक था।
इससे पहले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में इस खिलाड़ी ने बड़ौदा क्रिकेट टीम के खिलाफ एक जबरदस्त (203*) दोहरा शतक जड़ दिया था।
इसके बाद उन्होंने सेमीफाइनल मुकाबले में तमिलनाडु क्रिकेट टीम के खिलाफ 55 रन की पारी खेली थी।
वह पहली पारी में सिर्फ 6 रन ही बना सके थे।
रिकॉर्ड
मुशीर ने तोड़ा सचिन तेंदुलकर का यह बड़ा रिकॉर्ड
मुशीर ने अपनी इस शानदार पारी के दौरान सचिन तेंदुलकर का बड़ा रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
वह मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में शतक जड़ने वाले सबसे युवा बल्लेबाज बन गए हैं। इस खिलाड़ी ने 19 साल और 14 दिन में शतक लगाया। इससे पहले यह रिकॉर्ड सचिन के नाम था।
उन्होंने 1994-95 के रणजी सीजन के फाइनल में पंजाब के खिलाफ सिर्फ 22 साल की उम्र में दोहरा शतक लगाया था।
रहाणे
रहाणे ने फाइनल में खेली कप्तानी पारी
पहली पारी में सिर्फ 7 रन बनाकर आउट होने वाले रहाणे ने दूसरी पारी में 143 गेंदों में 73 रन बनाए। उन्होंने अपनी पारी में 51.05 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हुए 5 चौके और 1 छक्का जड़ा।
यह उनके प्रथम श्रेणी करियर का 57वां अर्धशतक था।
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में वह अब तक 188 मैच की 318 पारियों में करीब 46 की औसत से 13,225 रन बना चुके हैं।
अक्षय वाडकर
विदर्भ के कप्तान अक्षय वाडकर ने लगाया शतक
अपनी दूसरी पारी में वाडकर ने 199 गेंदों पर 102 रन बनाए। अपनी इस पारी के दौरान उन्होंने 9 चौके और 1 छक्का लगाया।
इस बीच उन्होंने करुण नायर के साथ 173 गेंद में 90 रन की साझेदारी निभाई। हर्ष दुबे के साथ इस खिलाड़ी ने 255 गेंद में 130 रन जोड़े। हर्ष 65 रन बनाकर आउट हुए।
पहली पारी में यह विकेटकीपर बल्लेबाज सिर्फ 5 रन बनाकर आउट हो गया था।
जानकारी
विदर्भ के लिए फाइनल मुकाबले में शतक लगाने वाले एकमात्र बल्लेबाज
वाडकर विदर्भ के लिए रणजी ट्रॉफी फाइनल में शतक लगाने वाले एकमात्र बल्लेबाज हैं। उन्होंने साल 2017-18 के फाइनल मुकाबले में दिल्ली के खिलाफ शतक लगाया था। इस मैच में विदर्भ को जीत मिली थी। इसके बाद मुंबई के खिलाफ उन्होंने यह कारनामा किया है।
खिताब
मुंबई ने 42वीं बार जीता खिताब
रणजी ट्रॉफी के इतिहास में मुंबई ने अपना 48वां फाइनल खेलते हुए 42वीं बार खिताब पर कब्जा जमाया है।
इससे पहले आखिरी बार मुंबई 2015-16 में विजेता बनी थी।
दूसरी तरफ विदर्भ की टीम तीसरी बार खिताब जीतने से चूक गई। इससे पहले तक विदर्भ ने 2 फाइनल खेले थे और दोनों बार (2017-18 और 2018-19) जीत दर्ज की थी।
दिलचस्प रूप से यह सिर्फ दूसरा मौका है, जब एक राज्य की दोनों टीमें फाइनल में पहुंची थी।