भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज हारने के बाद पेन की कप्तानी पर उठने लगे सवाल
भारत के खिलाफ 2-1 से टेस्ट सीरीज हारने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान टिम पेन पर सवाल खड़े होने लगे हैं। कप्तान के तौर पर पेन ने बुरे समय में ऑस्ट्रेलियाई टीम को संभालने का काम किया था, लेकिन भारत के खिलाफ यह हार उनके लिए मुसीबत बन सकती है। आइए जानते हैं क्यों बढ़ सकती है पेन की मुश्किलें और दिग्गजों की रही उनके बारे में प्रतिक्रिया।
वॉर्न ने उठाया था पेन की रणनीति पर सवाल
ब्रिसबेन टेस्ट के चौथे दिन पूर्व ऑस्ट्रेलियाई लेग-स्पिनर शेन वॉर्न ने पेन की रणनीति पर सवाल उठाए थे। वॉर्न का कहना था कि कई मौकों पर उन्हें पेन की रणनीति पसंद नहीं आई और टीम ने बढ़त बनाने के मौके गंवाए। दिग्गज लेग-स्पिनर ने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया ने लगातार इस सीरीज को जीतने के मौके गंवाए थे। सुनील गावस्कर ने भी पेन को कप्तानी के लिए अयोग्य बताया था।
आसान नहीं होगा लगातार भारत के खिलाफ घर में दो सीरीज हार को पचाना
2018-19 दौरे पर भारत ने इतिहास में पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती थी और उस समय भी पेन ऑस्ट्रेलिया के कप्तान थे। उस समय कहा गया था कि डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ की गैरमौजूदगी के कारण ऑस्ट्रेलियाई टीम को हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, इस बार इन दोनों खिलाड़ियों की मौजूदगी के बावजूद उन्हें हार झेलनी पड़ी है। इस बार तो उनका गाबा का अभेद किला भी टूट गया है।
पेन की कप्तानी में ऐसा रहा है ऑस्ट्रेलिया का प्रदर्शन
कप्तान के तौर पर पेन ने ऑस्ट्रेलिया को 23 में से 11 टेस्ट जिताए हैं और आठ में उन्हें हार मिली है। चार टेस्ट ड्रॉ रहे हैं। पेन की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने सात में से पांच सीरीज अपने घर में ही खेले हैं। ऑस्ट्रेलिया ने इन पांच में से दो सीरीज गंवाई है और दोनो ही बार उन्हें भारत के खिलाफ हार मिली है। पेन की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने एशेज रिटेन किया था।
पेन के अंडर नहीं दिखी पुरानी ऑस्ट्रेलिया की झलक
ऑस्ट्रेलियाई टीम को हमेशा से ही आक्रामक खेल के लिए जाना जाता है, लेकिन पेन की कप्तानी में टीम अक्सर दबाव में आती दिखी है। भारत के खिलाफ गाबा टेस्ट को ही देखें तो अंतिम दो दिनों में ऑस्ट्रेलिया ने काफी रक्षात्मक खेल दिखाया जो उन्हें भारी पड़ा। पुरानी ऑस्ट्रेलियाई टीम निश्चित तौर पर भारत को समेटने के लिए जाती, लेकिन पेन एंड कंपनी रन रोकने के चक्कर में मैच गंवा बैठे।