ब्रिसबेन टेस्ट: पुजारा ने बताया, आखिर क्यों उन्होंने गेंद को अपने शरीर पर लगने दिया
भारत ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर आखिरी ब्रिसबेन टेस्ट को जीतकर इतिहास रच दिया और सीरीज को 2-1 से अपने नाम किया। चौथे टेस्ट की दूसरी पारी में पुजारा मुश्किल परिस्थितियों में डटे रहे, जिससे हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है। बल्लेबाजी के दौरान उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों का डटकर सामना किया। इस दौरान 11 बार वह तेज गेंदबाजी से चोटिल हुए, जिसमें तीन बार उनके हेल्मेट पर भी गेंद लगी। जानिए पुजारा ने अपनी पारी के बारे में क्या कहा।
मैं गेंद खेलने का प्रयास करता तो आउट हो जाता- पुजारा
पुजारा ने अपनी पारी के बारे में कहा, "मैं ज्यादातर कमिंस के खिलाफ एक छोर से चोट खा रहा था। वहां शॉर्ट-लेंथ स्पॉट के पास पिच पर एक दरार थी जहां से गेंद तेजी से उछाल ले रही थी। अगर मैं अपने बचाव में गेंद खेलने का प्रयास करता तो कैच आउट हो जाता। मैच की स्थिति को देखते हुए हम और विकेट नहीं गंवा सकते थे। इसीलिए मैंने तय किया कि गेंद को शरीर पर लगने दिया जाए।"
चोट के बाद बल्ले को पकड़ना मुश्किल हो गया था- पुजारा
लगातार चोट के बावजूद भी पुजारा ने अपनी बल्लेबाजी जारी रखी। पुजारा ने आगे कहा, "चोट के बाद बल्ले को पकड़ना मुश्किल हो गया था। पकड़ ढीली होने के कारण आप जहां चाहते हैं वहां गेंद नहीं खेल सकते। अपने शुरुआती दिनों से मैं पेन किलर नहीं लेता हूं। यही कारण है कि मेरी दर्द सहने की क्षमता बहुत अधिक है। जब आप इतने लंबे समय तक खेलते हैं तब आपको चोट सहने की आदत हो जाती है।"
ब्रिसबेन टेस्ट में पुजारा ने लगाया अर्धशतक
जीत के लिए मिले 328 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को रोहित शर्मा (7) के रूप में 18 के टीम स्कोर पर पहला झटका लगा था। इसके बाद पुजारा ने शुभमन गिल के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 114 रन जोड़े और टीम को मैच में बनाए रखा। पुजारा ने एक छोर संभाले रखा और अपने टेस्ट करियर का सबसे धीमा अर्धशतक लगाया। उन्होंने 211 गेंदों में 56 रनों की पारी खेलकर जीत में अहम भूमिका निभाई।
सीरीज में ऐसा रहा पुजारा का प्रदर्शन
चेतेश्वर पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुई टेस्ट सीरीज में भारत की ओर से दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाए। उन्होंने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2020-21 में तीन अर्धशतक की मदद से 271 रन बनाए। इस बीच उनका औसत 33.87 का रहा। उन्होंने तीसरे सिडनी टेस्ट की दोनों पारियों में (50 और 77) अर्धशतक लगाए थे। वहीं दाएं हाथ के रक्षात्मक बल्लेबाज पुजारा ने इस दौरे में सर्वाधिक 928 गेंदों का सामना किया।