पेरिस ओलंपिक 2024: भारत ने जीता अपना पहला पदक, मनु भाकर ने दिलाया कांस्य
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत ने अपना पहला पदक जीत लिया है। 10 मीटर एयर पिस्टल निशानेबाजी स्पर्धा में मनु भाकर ने कांस्य पदक अपने नाम किया है। वह फाइनल राउंड में 221.7 का स्कोर बनाने में सफल रहीं। मनु निशानेबाजी में पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी हैं। भारत साल 2012 के बाद पहली बार निशानेबाजी में कोई पदक जीतने में सफल रहा है। आइए पूरी खबर पर एक नजर डाल लेते हैं।
इन खिलाड़ियों ने जीता स्वर्ण और रजत पदक
इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक दक्षिण कोरिया की ओह ये जिन ने जीता। उन्होंने 243.2 के स्कोर के साथ स्वर्ण अपने नाम किया। रजत पदक भी दक्षिण कोरिया के नाम आया। किम येजी नाम ने 241.3 के स्कोर के साथ यह पदक अपने नाम किया।
निशानेबाजी में भारत को मिला 5वां पदक
भारत ने निशानेबाजी में इससे पहले कुल 4 ओलंपिक पदक जीते थे, जिसमें 1 स्वर्ण, 1 कांस्य और 2 रजत पदक शामिल थे। साल 2008 में स्वर्ण पदक किसी और ने नहीं बल्कि दिग्गज अभिनव बिंद्रा ने जीता था। अभिनव व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी भी बने थे। राज्यवर्धन सिंह (2004 में रजत), गगन नारंग (2012 में कांस्य) और विजय कुमार (2012 में रजत) निशानेबाजी में ओलंपिक पदक जीतने वाले अन्य भारतीय खिलाड़ी हैं।
2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में जीता था स्वर्ण पदक
साल 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों में मनु ने स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। उन्होंने 10 मीटर के एयर पिस्टल स्पर्धा ने यह पदक जीता था। भारत की ही हीना सिद्धू ने उस खेल में रजत पदक अपने नाम किया था। मनु ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साल 2017 में डेब्यू किया था। वह 2018 के युवा ओलंपिक खेलों में भी स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। वह इस उपलब्धि को हासिल करने वाली पहली भारतीय निशानेबाज बनी थी।
टोक्यो ओलंपिक में मनु के साथ क्या हुआ था?
टोक्यो ओलंपिक मनु क्वालिफाइंग राउंड से बाहर हो गईं थी। मैच के दौरान उनकी पिस्टल में खराबी आई, जिसका नुकसान उन्हें उठाना पड़ा। मनु को 55 मिनट में 44 शॉट लेने थे। तभी उनकी पिस्टल खराब हो गई। 20 मिनट तक वे निशाना नहीं लगा पाईं। पिस्टल ठीक हुई, तब भी मनु सिर्फ 14 शॉट लगा पाईं और फाइनल की रेस से बाहर हो गईं। वह पदक से चूकने के बाद रो पड़ी थीं।
मनु के बारे में जानिए
मनु हरियाणा के झज्जर की रहने वालीं हैं। उनके पिता रामकिशन उन्हें बॉक्सर बनाना चाहते थे। इसलिए बचपन में वह बॉक्सिंग करने लगीं। एक दिन अभ्यास के दौरान मनु को आंख में चोट लग गई। इसके बाद उन्होंने बॉक्सिंग छोड़ दिया। उन्होंने अपने स्कूल में निशानेबाजी शुरू की थी। साल 2016 में उन्हें उनके कोच जसपाल राणा का साथ मिला जो अभी भी उनके कोच हैं। उनकी मां डॉ. सुमेधा ने उनके लिए स्कूल की नौकरी छोड़ दी थी।
कौन हैं मनु के कोच जसपाल राणा?
मनु के कोच जसपाल राणा खुद दिग्गज शूटर रह चुके हैं। राणा ने 1994 एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था। 1994 में ही 18 साल की उम्र में उन्हें अर्जुन अवार्ड और 21 साल की उम्र में पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका था। राणा उत्तराखंड के रहने वाले हैं और भाजपा के लिए लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। मनु के पिता मर्चेन्ट नेवी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं। उनके दादा भारतीय सेना में थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने मनु को दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा, 'एक ऐतिहासिक पदक, पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए पहला पदक जीतने के लिए मनु भाकर को बधाई, यह सफलता खास है, क्योंकि वह भारत के लिए निशानेबाजी में पदक जीतने वाली पहली महिला हैं। एक अविश्वसनीय उपलब्धि।'