रणजी ट्रॉफी: तमिलनाडु को हराकर मुंबई ने 48वीं बार फाइनल में बनाई अपनी जगह
मुंबई क्रिकेट टीम और तमिलनाडु क्रिकेट टीम के बीच खेले गए रणजी ट्रॉफी के दूसरे सेमीफाइनल में मुंबई ने पारी और 70 रन से जीत दर्ज की है। इस जीत के साथ ही टीम ने 48वीं बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में अपनी जगह बना ली है। तमिलनाडु की दूसरी पारी सिर्फ 162 रन पर खत्म हो गई। शम्स मुलानी ने मुंबई के लिए सबसे ज्यादा 4 विकेट लिए। ऐसे में आइए जानते हैं कि पूरे मुकाबले में क्या-क्या हुआ।
मैच का लेखा-जोखा
मैच में तमिलनाडु की टीम अपनी पहली पारी में सिर्फ 146 रन बनाने के बाद ऑलआउट हो गई थी। जवाब में शार्दुल ठाकुर (109) के शतक की मदद से मुंबई ने पहली पारी में 378 रन बना दिए। तनुश कोटियन ने भी मुंबई के लिए 89 रन की पारी खेली। तमिलनाडु की दूसरी पारी में बाबा इंद्रजीत (70) को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज बड़ी पारी नहीं खेल पाया और मुंबई को आसानी से जीत मिल गई।
शार्दुल ने जड़ा प्रथम श्रेणी करियर का पहला शतक
मुंबई को पहली पारी में शुरुआती झटके लगे थे और एक समय टीम के 7 बल्लेबाज सिर्फ 106 रन पर पवेलियन लौट गए थे। यहां से शार्दुल ने पारी को संभाला। मुंबई के इस खिलाड़ी ने 89 गेंद पर अपना शतक पूरा किया। उन्होंने अपनी पारी में 13 चौके और 4 छक्के लगाए। यह उनके प्रथम श्रेणी करियर का पहला शतक रहा। वह कुल 109 रन बनाकर आउट हुए।
शार्दुल ने झटके 4 विकेट
शार्दुल ने बल्लेबाजी के साथ-साथ गेंदबाजी में भी कमाल के आंकड़े दर्ज किए। पहली पारी के पहले ओवर में साई सुदर्शन को उन्होंने आउट कर मुंबई को शानदार शुरुआत दिलाई। इसके बाद उन्होंने विजय शंकर को आउट कर 2/48 के आंकड़े दर्ज किए। उनके अलावा तुषार देशपांडे ने 24 रन देकर 3 विकेट लिए। दूसरी पारी में शार्दुल ने 10 ओवर में सिर्फ 16 रन दिए, जिसमें 4 मेडन ओवर थे। उन्होंने दूसरी पारी में भी 2 विकेट लिए।
किशोर की शानदार गेंदबाजी नहीं दिला पाई जीत
तमिलनाडु के कप्तान साई किशोर ने मैच में कमाल की गेंदबाजी की। उन्होंने 38 ओवर में 9 मेडन ओवर के साथ 99 रन खर्च किए और 6 बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। इस शानदार प्रदर्शन के बावजूद तमिलनाडू को जीत नहीं मिली। किशोर इस सीजन सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उन्होंने 9 मैच में 18.52 की औसत से 53 विकेट झटके हैं। उन्होंने 6 बार 4 विकेट हॉल और 3 बार 5 विकेट हॉल लिए हैं।
मुंबई जीत चुकी है 41 ट्रॉफी
मुंबई की टीम ने 48वीं बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में प्रवेश किया है। वे 10 से ज्यादा बार प्रथम श्रेणी ट्रॉफी जीतने वाली एकमात्र टीम है। मुंबई के नाम रिकॉर्ड 41 रणजी ट्रॉफी खिताब हैं। उन्होंने आखिरी बार 2015-16 सीजन में यह खिताब जीता था। रणजी ट्रॉफी खिताबों के मामले में कर्नाटक क्रिकेट टीम 8 ट्रॉफी के साथ मुंबई के बाद दूसरे स्थान पर है। मुंबई की टीम रणजी इतिहास की सबसे शानदार टीम है।
मुंबई ने बना दिया इतिहास
मुंबई प्रथम श्रेणी क्रिकेट की पहली टीम है, जिसके खिलाड़ियों ने किसी सीरीज में 9, 10 और 11 नंबर पर शतक जड़े हैं। नंबर 10 पर तुषार ने 123 रन और तनुश ने 120 रन की पारी खेली। नंबर-9 पर शार्दुल ने 109 रन बनाए।