#SportsHeroesOfIndia: दुनिया की सबसे कठिन रेस को जीतने वाले भारत के आयरन मैन का सफ़र
पुणे में जन्में कौस्तुभ राडकर ने विदेश में भारत का झंडा लंबे समय तक बुलंद किया है। उन्हें विश्व में शानदार आयरन मैन एथलीट के रूप में जाना जाता है। 12वीं के बाद लगभग 13 साल का समय यूनाइटेड स्टेट्स में बिताने वाले कौस्तुभ स्विमिंग में नेशनल चैंपियन रह चुके हैं। अचानक उन्होंने दुनिया के सबसे कठिन रेस में से एक में हिस्सा लेने का निर्णय लिया और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। जानिए उनका आयरन मैन बनने का सफर।
क्या है आयरन मैन ट्राईएथलॉन
आयरन मैन लॉन्ग रेस की ट्राईएथलॉन होती है जिसे वर्ल्ड ट्राईएथलॉन कार्पोरेशन (WTC) द्वारा आयोजित कराया जाता है। इसमें 3.86 किलोमीटर की तैराकी, 180.25 किलोमीटर साइकिल चलाना और 42.2 किलोमीटर की मैराथन रेस शामिल होती है। तैराकी को अधिकतम 2 घंटे 20 मिनट में, साइकिलिंग को 8 घंटे 10 मिनट में और मैराथन रेस को अधिकतम 6 घंटे 30 मिनट में पूरा करना होता है। यह सबसे कठिन इवेंट इसलिए है क्योंकि सबकुछ बिना ब्रेक के करना होता है।
स्विमिंग में रह चुके हैं नेशनल चैंपियन
कौस्तुभ का जन्म पुणे में हुआ था और उनकी मां उन्हें बचपन से ही स्विमिंग कराने के लिए पास स्थित डेक्कन जिमखाना एरिया ले जाती थीं। आठ साल की उम्र से ही स्विमिंग करने वाले कौस्तुभ ने नेशनल लेवल पर भी अपनी प्रतिभा दिखाई। उन्होंने पुणे, महाराष्ट्र और अपनी यूनिवर्सिटी के लिए पदक जीते। नेशनल चैंपियन रह चुके कौस्तुभ कई एशिया पैसिफिक स्विमिंग चैंपियनशिप में भी भारत को रिप्रजेंट कर चुके हैं।
2007 तक 'आयरन मैन' के बारे में नहीं थी जानकारी
नेशनल लेवल पर चैंपियन रह चुके कौस्तुभ को आयरन मैन ट्राईएथलॉन के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उनके दोस्त 2008 की शुरुआत में आयरन मैन हवाई में हिस्सा लेकर आए थे और फिर वापस आने के बाद उन्होंने कौस्तुभ से उस इवेंट के बारे में खूब बातें की। उनकी बातों से कौस्तुभ काफी ज़्यादा प्रभावित हुए और उन्हें यह इवेंट काफी दिलचस्प लगने लगा तो उन्होंने इसके बारे में और भी जानकारी निकालना शुरु कर दिया।
स्विमिंग से मिला अमेरिका जाने का मौका
कौस्तुभ पढ़ाई में औसत थे लेकिन स्विमिंग में वह लगातार पदक जीत रहे थे और इसी बीच स्विमिंग ने उन्हें स्कॉलरशिप दिलाई जिसकी बदौलत वह 12वीं के बाद यूनाइटेड स्टेट्स चले गए। उन्होंने वहां एक्सरसाइज और स्पोर्ट्स साइंस की पढ़ाई करनी शुरु की। कॉलेज में स्विमिंग पूल की उपलब्धता नहीं होने के कारण उन्होंने दौड़ना शुरु कर दिया। 2005 में दौड़ना शुरु करने वाले कौस्तुभ लगातार मैराथन रेस में हिस्सा लेने लगे थे।
पहली रेस ही रिकॉर्ड रेस साबित हुई
कौस्तुभ ने 2008 में अरिजोना में अपनी पहली आयरन मैन रेस में हिस्सा लिया और पहली रेस को ही 11 घंटे, 41 मिनट और 36 सेकेंड में खत्म किया। इस तरह वह इस इवेंट में सबसे तेज डेब्यू करने वाले भारतीय बन गए। उन्होंने इस रेस में जाने का निर्णय इस बात पर लिया कि वह स्विमिंग में तो मास्टर हैं ही। इसके अलावा उन्होंने मैराथन भी दौड़े थे तो उन्हें केवल साइकिलिंग की तैयारी करनी थी।
भारत के इकलौते सर्टिफाइड कोच
कौस्तुभ इस रेस को अब तक 20 बार फिनिश कर चुके हैं। लगभग 13 साल का समय अमेरिका में बिताने के बाद उन्होंने भारत वापस आने का फैसला लिया। वह भारत के पहले और इकलौते आयरन मैन सर्टिफाइड कोच हैं।