कार्यक्रमों में ओलंपिक पदकों के साथ जाने पर ट्रोल हुई थी मनु भाकर, अब दिया जवाब
पेरिस ओलंपिक 2024 में 2 कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचने वाली भारतीय निशानेबाज मनु भाकर ने फिलहाल खेल से ब्रेक लिया हुआ है। ऐसे में वह कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में शिरकत करती हुई नजर आती हैं। भाकर ज्यादातर किसी भी कार्यक्रम में अपने पदकों के साथ ही दिखाई देती हैं। ऐसे में उन्हें इस बात पर सोशल मीडिया में खूब ट्रोल किया गया। अब भारतीय निशानेबाज ने ट्रोलर्स को करारा जवाब दिया है। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा है।
मनु भाकर ने सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स को दिया करारा जवाब
मनु ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि वह पदकों को कार्यक्रम में दिखाने में गर्व महसूस करती हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'पेरिस 2024 ओलंपिक में मैंने जो 2 कांस्य पदक जीते हैं, वे भारत के हैं। जब भी मुझे किसी कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाता है और ये पदक दिखाने के लिए कहा जाता है, तो मैं गर्व के साथ ऐसा करती हूं। यह मेरी खूबसूरत यात्रा को साझा करने का मेरा तरीका है।'
ये है मनु का पोस्ट
एक कार्यक्रम के दौरान भी मनु भाकर ने ट्रोलर्स पर साधा था निशाना
हाल ही में जब भाकर से ट्रोलिंग के बारे में पूछा गया था, तब उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, "हां मैं जाऊंगी। मैं क्यों नहीं जाऊं?" उन्होंने आगे कहा, "हर किसी को अपना पदक दिखाने की इच्छा होती है, इसलिए मैं इसे अपने साथ रखती हूं, ताकि अगर कोई इसे देखना चाहे तो देख सके।" उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्यक्रम के आयोजकों के अनुरोध के चलते ही वह पदक को अपने साथ लेकर के आती हैं।
मैं आभारी हूं कि मैं जहां भी जाती हूं मुझे प्यार मिलता है- मनु भाकर
भाकर ने कहा कि जब वह खेल में सक्रिय रहती हैं तो ट्रेनिंग के चलते उन्हें आयोजनों में हिस्सा लेने का समय नहीं मिल पाता है। अब उनके पास समय है तो वह आयोजनों में हिस्सा लेने से संकोच नहीं करेंगी। उन्होंने कहा, "अब जब मुझे इन आयोजनों में भाग लेने का अवसर मिल रहा है, तो मैं बहुत खुश हूं और मैं बहुत आभारी हूं कि मैं जहां भी जाती हूं मुझे इतना प्यार मिलता है।"
मनु ने इन स्पर्धाओं में जीते हैं पदक
मनु ने पेरिस ओलंपिक में भारत के पदकों का खाता खोला था। उन्होंने 10 मीटर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक अपने नाम किया था। इसके साथ ही वह निशानेबाजी में पदक हासिल करने वाली भारत की पहली महिला बनी थी। इसके बाद उन्होंने सरबजोत सिंह के साथ इसी स्पर्धा के मिश्रित स्पर्धा में कांस्य पदक पर निशाना लगाया था। वह आजाद भारत में एक ओलंपिक में 2 पद हासिल करने वाली भी पहली भारतीय खिलाड़ी बनी हैं।