सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में नहीं खेलेंगे मनोज तिवारी, रणजी सीजन पर है पूरा ध्यान
क्या है खबर?
बंगाल के मनोज तिवारी फिलहाल क्रिकेट और राजनीति के बीच घूम रहे हैं। आगामी घरेलू सीजन के लिए बंगाल की टीम में शामिल किए गए तिवारी ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में नहीं खेलने का निर्णय लिया है।
घरेलू टी-20 प्रतियोगिता की शुरुआत नवंबर में होनी है। हालांकि, तिवारी खुद को रणजी सीजन के लिए पूरी तरह तैयार रखना चाहते हैं।
आइए जानते हैं क्या है पूरी खबर।
कारण
इन दो कारणों से टी-20 प्रतियोगिता में नहीं खेलेंगे तिवारी
तिवारी ने दो कारणों से सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी से हटने का फैसला लिया है। पहला कारण है कि वह अभी पिछले सीजन लगी घुटने की चोट से पूरी तरह उबर नहीं सके हैं और खुद को और अधिक समय देना चाहते हैं।
दूसरा कारण है कि वह फटाफट क्रिकेट में युवा खिलाड़ियों को मौका देना चाहते हैं। तिवारी चाहते हैं कि छोटे फॉर्मेट में युवा खिलाड़ी राज्य का प्रतिनिधित्व करें।
बयान
मनोज की सेवा मिलने से होगा बंगाल क्रिकेट का लाभ- असिस्टेंट कोच
बंगाल के असिस्टेंट कोच सौराशीष लाहिरी के मुताबिक टीम मैनेजमेंट तिवारी के इस निर्णय का पूरी तरह समर्थन कर रही है।
उन्होंने कहा, "मनोज की सेवा मिलने से बंगाल क्रिकेट को हमेशा फायदा होने वाला है। हालांकि, मनोज ने खुद ही टी-20 में नहीं खेलने का निर्णय लिया है तो मैं उनके निर्णय की इज्जत करता हूं। एक क्रिकेटर को अपनी फिटनेस अच्छे से पता होती है।"
ट्रेनिंग कैंप
ट्रेनिंग कैंप में मौजूद रहे थे मनोज
लाहिरी को उम्मीद है कि पूरी तरह फिट होने के बाद मनोज अन्य टूर्नामेंट्स के लिए उपलब्ध रहेंगे।
उन्होंने कहा, "मनोज के रणजी ट्रॉफी में हिस्सा लेने से बंगाल के पास उनसे काफी लाभ लेने का मौका होगा। इस टीम के लिए उनका अनुभव हमेशा काम आएगा।"
पिछले शनिवार को खत्म हुई सात दिवसीय ट्रेनिंग कैंप में मनोज ने हिस्सा लिया था और इस कैंप के दौरान वीवीएस लक्ष्मण भी मौजूद रहे थे।
करियर
ऐसा है मनोज तिवारी का क्रिकेटिंग करियर
2008 में भारत के लिए डेब्यू करने वाले मनोज तिवारी को एक प्रतिभावान क्रिकेटर माना जाता है। हालांकि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी इस ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सके और टीम से अंदर-बाहर होते रहे।
उन्होंने भारत के लिए कुल 12 वनडे और तीन टी-20 मैच खेले हैं जिनमें उन्होंने क्रमशः 287 और 15 रन बनाए हैं। इसके विपरीत प्रथम श्रेणी क्रिकेट में वह 125 मैचों में 50 से अधिक की औसत से 8,965 रन बना चुके हैं।