IPL इतिहास के वो मुकाबले जिनमें 1 रन बना हार-जीत का कारण
IPL 2019 के 39वें मुकाबले में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) ने चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) को 1 रन से हरा दिया। RCB से मिले 162 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी CSK ने बेहद खराब शुरूआत की। CSK को आखिरी ओवर में 26 रनों की ज़रूरत थी, धोनी ने उमेश यादव की पहली पांच गेंदो में 24 रन बना दिए थे, लेकिन आखिरी बॉल पर धोनी कोई रन नहीं बना पाए और RCB 1 रन से मैच जीत गई।
जब पंजाब ने हैदराबाद को 1 रन से हराया
IPL 2009 के 49वें मुकाबले में किंग्स इलेवन पंजाब ने डेक्कन चार्जर्स हैदराबाद को 1 रन से हराया था। पंजाब ने पहले खेलते हुए हैदराबाद के सामने 135 रनों का लक्ष्य रखा था। जिसके जवाब में हैदराबाद 133 रन ही बना पाई थी। हैदराबाद को आखिरी ओवर में जीत के लिए 11 रनों की ज़रूरत थी, लेकिन रोहित शर्मा हैदराबाद को जीत नहीं दिला सके थे। इस मैच में पंजाब के लिए खेलते हुए युवराज सिंह ने हैट्रिक ली थी।
जब दिल्ली ने राजस्थान को 1 रन से दी मात
IPL 2012 के 39वें मुकाबले में दिल्ली ने राजस्थान रॉयल्स को एक रन से मात दी थी। दिल्ली ने पहले खेलते हुए राजस्थान के सामने 153 रनों का लक्ष्य रखा था, जिसके जवाब में राजस्थान 3 विकेट के नुकसान पर 151 रन बना सकी थी। राजस्थान को आखिरी ओवर में जीत के लिए 12 रनों की ज़रूरत थी, लेकिन उमेश यादव के सामने अजिंक्य रहाणे और ओवेज़ शाह 10 रन ही बना सके थे।
मुंबई ने पुणे से एक रन से जीता था मैच
IPL 2012 में ही 45वें मुकाबले में मुंबई इंडियंस ने पुणे वॉरियर्स इंडिया को एक रन से हराया था। मुंबई ने पहले खेलते हुए 120 रन बनाए थे, जिसके जवाब में पुणे 119 रन ही बना पाई थी।
2015 और 2016 में चेन्नई और गुजरात ने एक रन से जीता था मैच
IPL 2015 में चेन्नई ने दिल्ली को 1 रन से हराया था। चेन्नई से मिले 151 रनों के लक्ष्य के जवाब में दिल्ली 149 रन ही बना पाई थी। दिल्ली को आखिरी गेंद पर 6 रन की ज़रूरत थी, लेकिन वो 4 रन ही बना सकी थी। IPL 2016 में गुजरात लॉयंस ने बेहद रोमांचक मैच में दिल्ली को 1 रन हराया था। लास्ट बल पर दिल्ली को 4 रन चाहिए थे, लेकिन वो 2 रन ही बना सके थे।
1 रन से मुंबई ने पुणे को फाइनल मुकाबले में दी थी मात
IPL 2017 के फाइनल मुकाबले में मुंबई इंडियंस ने राइज़िंग पुणे सुपर जॉइंट को 1 रन से हराया था। मुंबई ने पहले खेलते हुए 129 रन बनाए थे, जिसके जवाब में पुणे 6 विकेट के नुसकान पर 128 रन ही बना पाई थी। आखिरी ओवर में पुणे को जीत के लिए 11 रन की ज़रूरत थी और 7 विकेट उसके हाथ में थे। लेकिन मुंबई के लिए मिशेल जॉनसन ने शानदार गेंदबाज़ी कर अपनी टीम को खिताब जिता दिया था।