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कौन हैं हिमाचल को पहली बार विजय हजारे ट्रॉफी जिताने वाले शुभम अरोड़ा?
शुभम अरोड़ा

कौन हैं हिमाचल को पहली बार विजय हजारे ट्रॉफी जिताने वाले शुभम अरोड़ा?

लेखन Neeraj Pandey
Dec 27, 2021
02:30 pm

क्या है खबर?

बीते रविवार को ऋषि धवन की कप्तानी में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट टीम ने इतिहास रचा था। विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में तमिलनाडु को हराते हुए हिमाचल ने पहली बार इस खिताब पर अपना कब्जा जमाया था। हिमाचल को चैंपियन बनाने में 24 साल के शुभम अरोड़ा ने अहम भूमिका निभाई। अरोरा के नाबाद 136 रनों की पारी की बदौलत हिमाचल मैच जीतने में सफल हुआ। आइए जानते हैं कौन हैं शुभम अरोड़ा।

बचपन

हिमाचल में हुआ था जन्म, दिल्ली में बीता बचपन

शुभम का जन्म हिमाचल के उन्नाव में हुआ था, लेकिन वह परिवार के साथ दिल्ली के पटेल नगर में रहते थे। शुभम का बचपन पटेल नगर में ही बीता था और उनके क्रिकेट खेलने की शुरुआत भी यहीं से हुई थी। गली में क्रिकेट खेलते हुए शुभम की बल्लेबाजी कई लोगों को अच्छी लगी थी और उन्हीं के कहने पर उनके माता-पिता ने उन्हें ट्रेनिंग के लिए क्रिकेट अकादमी भेजना शुरु किया था।

हिमाचल

दिल्ली की टीम में जगह नहीं मिलने पर किया हिमाचल का रुख

शुभम ने क्रिकेट खेलना शुरु करने के बाद दिल्ली की टीम में जगह बनाने की कोशिश की, लेकिन इसमें सफल नहीं हो सके। इसके बाद उन्होंने अपने जन्मस्थान वाले राज्य की टीम से खेलने का फैसला लिया। हिमाचल के लिए क्रिकेट खेलने का सपना लेकर पहुंचने वाले शुभम का सपना पूरा भी हुआ क्योंकि उन्हें वहां की जूनियर टीम में जगह मिल गई। अच्छे प्रदर्शन के दम पर वह आज सीनियर टीम का हिस्सा हैं।

डेब्यू

2018 में ही किया था टी-20 डेब्यू, फिर करना पड़ा लंबा इंतजार

2018 में शुभम ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के मुकाबले के साथ हिमाचल के लिए सीनियर टीम डेब्यू किया था, लेकिन उस मैच में उन्हें बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला था। टी-20 डेब्यू करने के बाद शुभम को अगले मौके लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। 2020 सीजन में कोरोना का प्रकोप होने के कारण उनका यह इंतजार और भी लंबा हो गया। 2021 के अंत में उन्हें फिर से खेलने का मौका मिला।

2021 सीजन

शुभम के लिए यादगार बन गया यह सीजन

2021 नवंबर में शुभम ने सैयद मुश्ताक अली के तीन मैच खेले। इस दौरान उन्होंने 51 रन बनाए जिसमें 26 उनका सर्वोच्च स्कोर रहा। शुभम ने इसी साल दिसंबर में अपना लिस्ट-ए डेब्यू किया और विजय हजारे में अपनी टीम के लिए सभी आठ मैच खेले। इन आठ मैचों में उन्होंने लगभग 45 की औसत के साथ 313 रन बनाए जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल रहे।