जानें कौन हैं 28 साल बाद भारतीय टीम में आए पहले पारसी क्रिकेटर अर्जन नाग्वासवाला
क्या है खबर?
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए घोषित हुई भारतीय टीम में कोई चौंकाने वाला बदलाव देखने को नहीं मिला और टीम में लगातार खेलते आ रहे खिलाड़ियों को ही इस बार भी जगह मिली है।
स्टैंडबाई के रूप में चुने गए खिलाड़ियों में जरूर एक नाम अधिकतर लोगों को चौंका रहा है। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्जन नाग्वासवाला को स्टैंडबाई के रूप में चुना गया है।
आइए जानते हैं कौन है यह गेंदबाज।
परिचय
गुजरात के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते हैं नाग्वासवाला
बाएं हाथ के तेज गेंदबाज नाग्वासवाला के पास गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने की क्षमता है। 23 साल के नाग्वासवाल गुजरात के लिए घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते आ रहे हैं।
इंग्लिश टीम में मौजूद तेज गेंदबाजों की स्थिति को देखते हुए वह भारतीय बल्लेबाजों को नेट्स पर अच्छी प्रैक्टिस करने का मौका देंगे। उनकी गति भी काफी अधिक है और वह दौरे पर जा रहे इकलौते बाएं हाथ के तेज गेंदबाज होंगे।
रोचक तथ्य
1995 के बाद रणजी खेलने वाले पहले पारसी क्रिकेटर हैं नाग्वासवाला
नाग्वासवाला भारत में क्रिकेट का प्रचार करने वाले पारसी समुदाय से आते हैं और उन्होंने अपने भाई को देखकर क्रिकेट खेलना शुरु किया था। 2018 में गुजरात के लिए अपना डेब्यू करने वाले नाग्वासवाला CricketCountry के मुताबिक 1995 के बाद रणजी ट्रॉफी खेलने वाले पहले पारसी क्रिकेटर हैं।
उन्होंने बड़ौदा के खिलाफ अपना डेब्यू मुकाबला खेला था और उस मैच में केवल एक ही विकेट ले सके थे।
डेब्यू सीजन
नाग्वासवाला ने लिए थे डेब्यू सीजन में 21 विकेट
अपने तीसरे ही फर्स्ट-क्लास मुकाबले में मुंबई के खिलाफ पारी में पांच विकेट लेकर नाग्वासवाला ने अपने टैलेंट का परिचय दिया था। इस दौरान उन्होंने मुंबई के दिग्गज क्रिकेटर्स सूर्यकुमार यादव, सिद्धेश लाड़ और आदित्य तारे को आउट किया था।
नाग्वासवाला ने अपने डेब्यू रणजी सीजन में आठ मैचों में 21 विकेट हासिल किए थे जिसमें 5/90 उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा था। उन्होंने अपने अगले सीजन में काफी दमदार प्रदर्शन किया।
फॉर्म
हाल ही में अच्छे फॉर्म में दिखे हैं नाग्वासवाला
फर्स्ट-क्लास के अलावा उन्होंने सफेद गेंद की क्रिकेट में भी अच्छा प्रदर्शन किया है और इस साल अच्छी फॉर्म दिखाई है। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उन्होंने पांच मैचों में नौ विकेट हासिल किए थे।
इसके अलावा विजय हजारे ट्रॉफी में उन्होंने केवल सात मैचों ही 19 विकेट चटका दिए थे। 6/54 के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ नाग्वासवाला ने 4.32 की बेहद किफायती इकॉनमी भी रखी थी।