जानिए क्या है ब्लू कार्ड जिसे फुटबॉल मैच में किया जाएगा इस्तेमाल
फुटबॉल के लिए नियम बनाने वाली संस्था इंटरनेशनल फुटबॉल एसोसिएशन बोर्ड (IFAB) इस खेल में कुछ नया करने जा रही है। आपने येलो कार्ड और रेड कार्ड के बारे में तो सुना होगा, लेकिन अब फुटबॉल में खिलाड़ियों को ब्लू कार्ड भी दिखाया जाएगा। यह येलो और रेड कार्डों से अलग एक खिलाड़ियों को दी जाने वाली अनूठी चेतावनी होगी। इसका उपयोग पहली बार मेक्सिको में साल 1970 के फीफा विश्व कप में किया गया था।
क्या है ब्लू कार्ड के नियम?
ब्लू कार्ड का उपयोग खिलाड़ियों की असहमति और नराजगी जताने पर दिया जाएगा। अगर खिलाड़ी मैच में गुस्सा होता है या रेफरी के फैसले से असहमति जताता है तो रेफरी उन्हें ब्लू कार्ड दिखा सकते हैं। इससे खिलाड़ी 10 मिनट तक खेल से बाहर हो जाएगा। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रायल कब शुरू होगा और इसमें कौन-कौन सी प्रतियोगिताएं शामिल होंगी। प्रीमियर लीग ने इस तरह के किसी भी ट्रायल का हिस्सा बनने से मना कर दिया है।
फीफा ने क्या कहा?
फीफा द्वारा इस पूरे नियम पर कहा गया है कि ऐसा कोई भी परीक्षण केवल खेल के निचले स्तर पर ही होगा। इस विषय पर अगले महीने की शुरुआत में अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल एसोसिएशन बोर्ड की वार्षिक बैठक में चर्चा की जाएगी। बता दें कि इस नियम को लेकर असहमति को कम करने और निष्पक्ष खेल को बढ़ाने के लिए 2019-20 सीजन में निचले स्तर के फुटबॉल में ब्लू कार्ड को लागू किया गया था।
इंग्लिश फुटबॉल के अधिकारी नियम के साथ
इंग्लिश फुटबॉल एसोसिएशन के मुख्य कार्यकारी मार्क बुलिंगहैम ने इस नियम को लेकर कहा था, "मुझे लगता है कि खेल देखने वाले प्रशंसकों में निराशा होती है जब वे एक शानदार काउंटर अटैक देखते हैं और वह फाउल से बर्बाद हो जाता है। क्या इसके लिए पीला कार्ड पर्याप्त है? हमें ब्लू कार्ड पर सोचना चाहिए। उन्होंने आगे कहा, "खिलाड़ी के व्यवहार और असहमति को अच्छे से देखना चाहिए और फिर रेफरी को ब्लू कार्ड पर फैसला देना चाहिए।"
नवंबर में उच्च स्तर पर हो सकता है इस्तेमाल
IFAB का मानना है कि नवंबर तक इस नियम को बड़े-बड़े लीग और उच्च स्तर पर देखा जा सकता है। मार्च में यह फैसला आ जाएगा। दूसरी तरफ इंग्लैंड फुटबॉल टीम के मैनेजर गैरेथ साउथगेट का इस नियम के बारे में कुछ और ही कहना है। उनके अनुसार अगर कोई खिलाड़ी अनुशासन का पालन नहीं करता है तो उसे पूरे खेल से बाहर किया जाना चाहिए। ये 10 मिनट का नियम एक बकवास की तरह है।