नस्लभेदी टिप्पणी मामला: जैक ब्रूक्स ने 'स्टीव' उपनाम को लेकर चेतेश्वर पुजारा से माफी मांगी
इंग्लैंड के काउंटी क्रिकेट में नस्लभेद टिप्पणी के मामले सामने आते रहे हैं। भारतीय टेस्ट विशेषज्ञ चेतेश्वर पुजारा भी इनका सामना कर चुके हैं। जब पुजारा इंग्लिश क्लब यॉर्कशायर से खेलते थे, तब उन्हें 'स्टीव' कहकर बुलाया जाता था, जो कि एक तरह से नस्लभेदी टिप्पणी थी। समरसेट के तेज गेंदबाज जैक ब्रूक्स ने पुजारा को सबसे पहले 'स्टीव' कहा था। इस बीच ब्रूक्स ने अपने इस पुरानी गलती के लिए माफी मांग ली है। एक नजर पूरी खबर पर।
ये अपमानजनक था और मैं इसके लिए माफी मांगता हूं- ब्रूक्स
37 वर्षीय ब्रूक्स ने अपनी गलती स्वीकार की है। क्रिकइंफो के मुताबिक उन्होंने माफी मांगते हुए कहा, "मैं स्वीकार करता हूं कि ऐसा करना अपमानजनक और गलत था। मैंने उनसे संपर्क किया है और चेतेश्वर से किसी भी अपराध के लिए माफी मांगी है जो मैंने उन्हें या उनके परिवार को दिया है। उस समय मैं इसे नस्लवादी व्यवहार के रूप में नहीं पहचानता था लेकिन अब मैं देख सकता हूँ कि यह स्वीकार्य नहीं था।"
विवादित ट्वीट के लिए भी ब्रूक्स ने माफी मांगी
इसके अलावा ब्रुक्स ने 2012 में किए गए विवादित ट्वीट के लिए भी माफी मांगी है। उन्होंने कहा, "मैं स्वीकार करता हूं कि 2012 में मेरे द्वारा किए गए दो ट्वीट में इस्तेमाल की गई भाषा अस्वीकार्य थी और मुझे इसका उपयोग करने का गहरा अफसोस है। इसके लिए मैं बिना शर्त माफी मांगता हूं। जिन दो खिलाड़ियों को मैंने ट्वीट किए थे, वे मेरे दोस्त हैं और मेरा इरादा उन्हें परेशान करने का नहीं था।"
रफीक ने लगाए थे नस्लभेद का शिकार होने के आरोप
इस समय यॉर्कशायर क्रिकेट क्लब नस्लीय भेदभाव के गंभीर आरोपों से जूझ रहा है। यॉर्कशायर के पूर्व क्रिकेटर रहे पाकिस्तान मूल के अजीम रफीक ने आरोप लगाए थे कि क्लब में संस्थागत नस्लभेद के लिए जगह है। इसी क्रम में अजीम ने हाल ही में यह खुलासा किया था कि पुजारा को 'स्टीव' नाम से पुकारने में ब्रूक्स शामिल रहे हैं। इसके बाद ब्रूक्स की ओर से अब माफी मांगी गई है।
दो पूर्व कर्मचारियों भी दे चुके हैं नस्लभेद के सबूत
ताज बट और टोनी बौरी नामक यॉर्कशायर के दो पूर्व कर्मचारियों ने क्लब में चलने वाले संस्थागत नस्लभेद के खिलाफ सबूत भी दिए थे। बट ने कहा था, "एशियाई मूल के बारे में बात करते समय टैक्सी ड्राइवर्स और रेस्टोरेंट वर्कर्स का उदाहरण दिया जाता है। वे इस कम्यूनिटी के सभी लोगों को स्टीव कहते हैं। विदेशी खिलाड़ी के रूप में आने वाले पुजारा को भी वे लोग 'स्टीव' कहते थे।"