
RCB में अपनी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है डियाजियो? जानिए क्या है पूरा मामला
क्या है खबर?
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की प्रमुख फ्रेंचाइजी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) ने 18 साल बाद पहली बार खिताब पर कब्जा जमाया है।
इस बीच खबर है कि ब्रिटिश स्पिरिट्स कंपनी डियाजियो PLC टीम में अपनी हिस्सेदारी को बेचने के लिए विकल्प की तलाश कर रही है।
इसके लिए उसने संभावित सलाहकारों के साथ चर्चा भी शुरू कर दी है। उसके अपनी हिस्सेदारी का मूल्य 2 अरब डॉलर (लगभग 16,800 करोड़ रुपये) लगाने की संभावना है।
आइए पूरा मामला जानते हैं।
तैयारी
डियाजियो ने क्या की तैयारी?
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन की स्पिरिट्स कंपनी डियाजियो ने RCB के एक हिस्से या पूरी हिस्सेदारी की संभावित बिक्री सहित विभिन्न विकल्पों का मूल्यांकन करने के लिए संभावित सलाहकारों के साथ परामर्श शुरू कर दिया है।
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि डियाजियो अपनी भारतीय सहायक कंपनी यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड (USL) के माध्यम से इसकी कीमत 16,800 करोड़ रुपये लगा सकती है। हालांकि, अभी अंतिम निर्णय लेना बाकी है।
कारण
डियाजियो क्यों बेचना चाह रही है हिस्सेदारी?
RCB के मालिकाना हक को बेचने की बात ऐसे समय में हो रही है जब भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने IPL में तंबाकू और शराब ब्रांडों के प्रचार पर प्रतिबंध लगाने पर जोर दिया है।
खेल हस्तियों द्वारा अन्य अस्वास्थ्यकर वस्तुओं के अप्रत्यक्ष प्रचार को रोकने के लिए भारत में तंबाकू और शराब उत्पादों के विज्ञापन प्रतिबंधित है।
ऐसे में डियाजियो जैसी कंपनियां शीर्ष क्रिकेटरों का उपयो सोडा जैसे अन्य उत्पादों का प्रचार करने में कर रही है।
चुनौती
डियाजियो को अमेरिका में करना पड़ रहा है चुनौतियों का सामना
डियाजियो को अपने प्राथमिक बाजार अमेरिका में इस समय बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जहां टैरिफ और कम उपभोक्ता खर्च प्रीमियम स्पिरिट्स की बिक्री को प्रभावित कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी को RCB में अपनी हिस्सेदारी की संभावित बिक्री से एक बड़ी राशि मिलने की उम्मीद है।
इसके जरिए कंपनी अमेरिका में अपने मुख्य परिचालन पर ध्यान केंद्रित कर सकती है और अपने वैश्विक परिसंपत्ति का विस्तार कर सकती है।
इतिहास
कैसा रहा है RCB के मालिकाना हक का इतिहास?
RCB को सबसे पहले साल 2008 में तत्कालीन किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड के मालिक विजय माल्या ने खरीदा था।
हालांकि, 2012 में यह कंपनी बंद हो गई। उसके बाद में टीम को माल्या की अगुवाई में यूनाइटिड स्पिरिट्स लिमिटेड (USL) ने खरीद लिया था।
माल्या के विदेश भागने के बाद USL ने कंपनी की एक बड़ी हिस्सेदारी डियाजियों को बेच दी। वर्तमान में डियाजियो यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड के पास टीम की कुल 55 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी है।
सफलता
IPL ने लिया वैश्विक ब्रांड का रूप
IPL वर्तमान में एक वैश्विक इंटरटेनमेंट और विज्ञापन के प्रमुख ब्रांड के रूप में उभरकर आया है। टूर्नामेंट पैसे के मामले में नेशनल फुटबॉल लीग और इंग्लिश प्रीमियर लीग को टक्कर दे रहा है।
लीग के छोटे 3 घंटे के मैच भारत और विश्व स्तर पर अरबों दर्शकों को आकर्षित करते हैं।
ऐसे में RCB की हिस्सेदारी की संभावित बिक्री इस तेजी से बढ़ते खेल लीग में भविष्य के लेनदेन के लिए नए मूल्य निर्धारण मानक स्थापित कर सकती है।