विदेश में जन्म लेने के बावजूद भारत के लिए टेस्ट मैच खेले हैं ये क्रिकेटर्स
क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट टेस्ट को खेलने का सपना दुनिया का हर क्रिकेटर देखता है। अपने देश के लिए खेलने का सपना तो हर खिलाड़ी देखता है, लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट में हमने कई खिलाड़ियों को दूसरे देश के लिए खेलते भी देखा है। भारत में हमेशा से टैलेंट की खान रही है, लेकिन भारतीय टीम के लिए भी विदेश में जन्मे खिलाड़ी टेस्ट खेल चुके हैं। एक नजर डालते हैं ऐसे ही खिलाड़ियों पर।
विदेश में जन्म लेने के बाद भारत के लिए सबसे ज़्यादा टेस्ट खेलने वाले क्रिकेटर
1934 में काबुल में जन्मे सलीम दुर्रानी के पिता नौकरी के कारण परिवार सहित भारत चले आए थे। बंटवारे के बाद उनके पिता पाकिस्तान चले गए, लेकिन वह भारत में ही रहे और उन्होंने 1960 में भारत के लिए अपना टेस्ट डेब्यू किया। दुर्रानी ने भारत के लिए खेले 29 टेस्ट मैचों में 1,202 रन बनाने के साथ ही 75 विकेट भी हासिल किए हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत और अंत दोनो ब्रेबोर्न स्टेडियम में ही की थी।
ब्राजील में जन्में और भारत के लिए खेले
पूर्व भारतीय क्रिकेटर अशोक गंडोत्रा का जन्म 1948 में ब्राजील में हुआ था। हालांकि, बाद में वह भारत में आकर बस गए। उन्होंने बंगाल और दिल्ली के लिए कुल मिलाकर 54 फर्स्ट-क्लास मुकाबले खेले हैं। 1969 में उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत के लिए अपना टेस्ट डेब्यू किया था। वह भारत के लिए केवल दो टेस्ट खेल सके। इन दो टेस्ट मैचों में उन्होंने 54 रन बनाए थे।
मलेशिया से भारत ले आया क्रिकेट का शौक
1909 में कुआलालंपुर में जन्में लाल सिंह को क्रिकेट खेलने का काफी शौक था और यही शौक उन्हें भारत ले आया। उन्होंने अपनी मां को भारत में क्रिकेट खेलने के लिए राजी कराया और फिर महाराज भूपिंदर सिंह के पास चले आए। महाराज की टीम पटियाला इलेवन में खेलने के बाद 1932 में लाल को एक टेस्ट के लिए इंग्लैंड दौरे पर जाने वाली भारतीय टीम में चुना गया। वह भारत के लिए यही इकलौता टेस्ट खेल सके।
विदेश में जन्म लेने के बाद भारत में सबसे सफल होने वाला क्रिकेटर
पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन सिंह का जन्म 1963 में ट्रिनिदाद में हुआ था, लेकिन वह कम उम्र में ही भारत चले आए थे। पढ़ाई के दिनों में उन्होंने तमिलनाडु के लिए फर्स़्ट-क्लास क्रिकेट खेलनी शुरु कर दी थी। 1989 में वनडे डेब्यू करने वाले रॉबिन को भारत के लिए इकलौता टेस्ट खेलने का मौका 1998 में मिला। उन्होंने भले ही भारत के लिए एक ही टेस्ट खेला, लेकिन वह भारत के लिए 136 वनडे मैचों में खेले।