चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की विजेता भारतीय क्रिकेट टीम के प्रदर्शन का विश्लेषण
क्या है खबर?
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का खिताब भारतीय क्रिकेट टीम ने अपने नाम किया।
दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए फाइनल मैच में न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवर के बाद 251/7 का स्कोर बनाया।
जवाब में भारतीय टीम ने रोहित शर्मा (76) और श्रेयस अय्यर (48) की पारियों की मदद से 49 ओवर में लक्ष्य हासिल किया।
आइए इस सीरीज में खिलाड़ियों के प्रदर्शन का विश्लेषण करते हैं।
#1
वरुण चक्रवर्ती ने अपने चयन को ठहराया सही
चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत से ठीक पहले वरुण चक्रवर्ती को भारतीय टीम में शामिल किया गया।
उन्हें वनडे क्रिकेट का ज्यादा अनुभव नहीं था और ऐसे में चयनकर्ताओं के इस फैसले की खूब आलोचना हुई।
हालांकि, इस मिस्ट्री स्पिनर ने अपने चयन को सही ठहराया।
चक्रवर्ती ने 3 पारियों में 15.11 की औसत और 4.53 की इकॉनमी रेट के साथ 9 विकेट लिए। टूर्नामेंट में उनसे ज्यादा विकेट सिर्फ मैट हेनरी (10) ने लिए।
#2
कोहली ने फिर साबित की उपयोगिता
विराट कोहली का ICC टूर्नामेंट में खूब बल्ला चलता है और उन्होंने एक बार फिर अपनी उपयोगिता साबित की।
उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ दबाव वाले मैच में शतक (100*) लगाया और जीत में अहम भूमिका निभाई।
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में लक्ष्य का पीछा करते हुए 84 रन की उल्लेखनीय पारी खेली।
उन्होंने 5 पारियों में 54.50 की औसत और 82.88 की स्ट्राइक रेट से 218 रन बनाए।
#3
दबाव में निखरकर आए अय्यर
श्रेयस अय्यर इस टूर्नामेंट में भारतीय बल्लेबाजी क्रम में संकटमोचक बनकर उभरे। उन्होंने ICC की इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में दबाव भरी परिस्थितियों में अविश्वसनीय बल्लेबाजी की।
उन्होंने फाइनल में 62 गेंदों पर 48 रन की संघर्षपूर्ण पारी खेली।
अय्यर इस संस्करण में दूसरे सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। उन्होंने 5 पारियों में 48.60 की औसत और 79.41 की स्ट्राइक रेट के साथ 243 रन बनाए। इस बीच उन्होंने 2 अर्धशतक अपने नाम किए।
#4
विकटकीपिंग और फील्डिंग में सुधार की दरकार
केएल राहुल ने बल्लेबाजी में अच्छी पारियां खेलीं। फाइनल में 252 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए राहुल ने नाबाद 34 रन बनाए।
दूसरी तरह वह विकेटकीपिंग की भूमिका में उतने सहज नजर नहीं आए। विकेट के पीछे उन्होंने कुछ गलतियां लगातार की।
उनके साथ-साथ भारतीय टीम की फील्डिंग में भी निरंतरता का अभाव नजर आया।
न्यूजीलैंड के खिलाफ फाइनल में भी भारतीय फील्डरों ने कुछ कैच छोड़े।
#5
बुमराह की गैरमौजूदगी में औसत नजर आई तेज गेंदबाजी
विश्व स्तरीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह चोट के कारण इस टूर्नामेंट के लिए उपलब्ध नहीं थे। ऐसे में उनकी गैरमौजूदगी में भारतीय तेज गेंदबाजी विभाग औसत सी नजर आई।
अनुभवी मोहम्मद शमी ने कुछ मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया, जबकि कुछ मुकाबलों में वह महंगे साबित हुए।
इसके साथ-साथ डेथ ओवरों में भी भारतीय तेज गेंदबाज प्रभावशाली प्रदर्शन नहीं कर पाए। हालांकि, दूसरी तरफ स्पिन गेंदबाजों ने टीम के प्रदर्शन को ऊपर उठाने का काम किया।