द्रविड़ के नेतृत्व वाले कोचिंग स्टाफ को कितना है अनुभव? एक तो पढ़ाते थे गणित
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने बुधवार को मुख्य कोच राहुल द्रविड़ और भारतीय टीम के सहयोगी स्टाफ के लिए अनुबंध के विस्तार की घोषणा की। वनडे विश्व कप 2023 के बाद उनका अनुबंध समाप्त हो गया था। BCCI ने द्रविड़ के साथ चर्चा की के बाद उनका कार्यकाल बढ़ाया। द्रविड़ के साथ बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर, फील्डिंग कोच टी दिलीप और गेंदबाजी कोच पारस म्हाम्ब्रे का कार्यकाल भी बढ़ाया गया। आइए इन सभी के अनुभव पर नजर डालते हैं।
बच्चों को गणित पढ़ाते थे दिलीप
फील्डिंग कोच दिलीप का क्रिकेट से कोई वास्ता नहीं है। उन्होंने केवल टेनिस बॉल क्रिकेट खेला है और फिर वह कोचिंग में आ गए। उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग फ्रेंचाइजी डेक्कन चार्जर्स के साथ काम किया। उन्होंने राष्ट्रीय क्रिकेट अकेडमी (NCA) में एक कोचिंग प्रोग्राम में दाखिला लिया था। उस दौरान उन्होंने पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर के साथ काम किया। उसी दौरान वह बच्चों को गणित भी पढ़ाते थे। कोचिंग प्रोग्राम के बाद वह NCA में काम करने लग गए।
लंबे समय एक NCA का हिस्सा रहे म्हाम्ब्रे
म्हाम्ब्रे ने लंबे समय तक भारत-A और अंडर-19 टीमों के साथ काम किया है। वह काफी लंबे समय एक NCA का हिस्सा रहे। वह रणजी ट्रॉफी में बंगाल और बड़ौदरा के कोच रह चुके हैं। उन्होंने बंगाल को रणजी फाइनल तक पहुंचाया है। IPL में वह मुंबई इंडियंस (MI) का हिस्सा रहे हैं। 2020 में अंडर-19 विश्व कप के फाइनल तक पहुंचने वाली भारतीय टीम के कोच म्हाम्ब्रे ही थे। उन्होंने अपने खेल से ज्यादा कोचिंग में नाम कमाया।
राष्ट्रीय चयनकर्ता रहे राठौर
राठौर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद घरेलू सर्किट पर पंजाब और हिमाचल के कोच बनने से पहले कुछ साल इंग्लैंड में बिताए। जब कोहली कप्तान थे तब वह राष्ट्रीय चयनकर्ता भी थे।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में द्रविड़ के आंकड़े
द्रविड़ ने अपने करियर में 164 टेस्ट की 286 पारियों में 52.31 की औसत से 13,288 रन बनाए। उन्होंने 63 अर्धशतक और 36 शतक लगाए। इसी तरह 344 वनडे में 83 अर्धशतक और 12 शतक की मदद से 10,889 रन और 1 टी-20 अंतरराष्ट्रीय में 31 रन बनाए हैं। राठौर ने 6 टेस्ट में 13.10 की औसत से 131 रन और 7 वनडे में 193 रन बनाए हैं। म्हाम्ब्रे ने केवल 2 टेस्ट और 3 वनडे मैच खेले हैं।