ICC ने केपटाउन की पिच को 'असंतोषजनक' करार दिया, 2 दिन में खत्म हुआ था टेस्ट
क्या है खबर?
भारतीय क्रिकेट टीम और दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम के बीच हाल ही में सम्पन्न हुई टेस्ट सीरीज का दूसरा मैच केपटाउन के न्यूलैंड्स में खेला गया था, जिसमें रोहित शर्मा के नेतृत्व में मेहमान टीम ने 7 विकेट से जीत दर्ज की थी।
यह मैच 2 दिन के भीतर ही समाप्त हो गया था। इस बीच इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने इस पिच को 'असंतोषजनक' करार दिया है।
आइए इस खबर पर एक नजर डालते हैं।
रिपोर्ट
मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने जारी की रिपोर्ट
ICC मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने अपनी रिपोर्ट जारी की, जिसमें मूल्यांकन के बाद न्यूलैंड्स की पिच को 'असंतोषजनक' माना गया।
ब्रॉड ने कहा, "न्यूलैंड्स की पिच पर बल्लेबाजी करना बहुत मुश्किल था। पूरे मैच के दौरान गेंद तेजी से और कभी-कभी खतरनाक तरीके से उछलती थी, जिससे शॉट खेलना मुश्किल हो जाता था।"
बता दें कि एक डिमेरिट अंक उन स्थानों को दिया जाता है जिनकी पिच और आउटफील्ड को मैच रेफरी असंतोषजनक मानते हैं।
नियम
5 साल की अवधि के लिए सक्रिय रहते हैं डिमेरिट अंक
ICC के नियमों के मुताबिक, अगर दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड (CSA) इस फैसले को चुनौती देना चाहता है, तो उसके पास इसके लिए 2 हफ्तों का समय रहेगा।
बता दे कि डिमेरिट अंक 5 साल की अवधि के लिए सक्रिय रहते हैं।
जब किसी मैदान को 6 डिमेरिट अंक मिलते हैं, तो उसे 12 महीने की अवधि के लिए किसी भी अंतरराष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने से निलंबित कर दिया जाता है।
लेखा-जोखा
भारत ने जीता था मैच
मोहम्मद सिराज की घातक गेंदबाजी (6/15) के चलते दक्षिण अफ्रीका पहली पारी में महज 55 रन बनाकर सिमट गई थी।
भारत ने विराट कोहली (46) और रोहित शर्मा (39) की बदौलत सभी विकेट खोकर 153 रन बनाए थे।
पहली पारी के आधार पर 98 रन से पिछड़ने वाली मेजबान टीम ने अपनी दूसरी पारी में एडेन मार्करम (106) के शतक की बदौलत 176 रन बनाए थे।
छोटे से लक्ष्य को भारत ने आसानी से हासिल किया था।
जानकारी
टेस्ट इतिहास का सबसे छोटा मुकाबला
केपटाउन टेस्ट 107 ओवर (642 गेंद) में ही समाप्त हो गया था। यह टेस्ट इतिहास का गेंदों के लिहाज से सबसे छोटा मुकाबला बना था। इससे पहले सबसे छोटा मैच साल 1932 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच 109.2 ओवर (656 गेंद) तक चला था।
लेखा-जोखा
मैच के पहले दिन गिरे थे कुल 23 विकेट
केपटाउन टेस्ट मैच के पहले दिन 75.1 ओवर का खेल संभव हो पाया था, जिसमें दोनों टीमों ने कुल 270 रन बनाए और इस बीच 23 विकेट गिरे थे।
यह टेस्ट इतिहास में मैच के शुरुआती दिन दूसरे सर्वाधिक विकेट गिरने का रिकॉर्ड बन गया था।
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच 1902 में खेले गए मेलबर्न टेस्ट में पहले दिन 25 विकेट गिरे थे। यह 100 साल से भी पुराना रिकॉर्ड अब भी बरकरार है।