ICC का ऐलान, समय पर ओवर शुरू नहीं करने पर बल्लेबाजी टीम को मिलेंगे 5 रन
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने वनडे और टी-20 मैच के दौरान खर्च हो रहे अतिरिक्त समय को कम करने के लिए 'स्टॉप क्लॉक' नियम बनाया है। ICC के मुताबिक, अब गेंदबाजी टीम को 1 मिनट के अंदर अपना दूसरा ओवर शुरू करना होगा। अगर कोई टीम 2 ओवरों के बीच में 60 सेकंड से अधिक समय लेती है तो ऐसी तीसरी गलती करने पर बल्लेबाजी कर रही टीम के खाते में 5 अतिरिक्त रन जोड़ दिए जाएंगे।
दिसंबर से प्रायोगिक आधार पर लागू होगा ये नियम
मंगलवार (21 नवंबर) को अहमदाबाद में ICC की बैठक के बाद यह नियम सामने आया है। दिसंबर 2023 से अप्रैल 2024 तक प्रायोगिक आधार पर इसे लागू किया जाएगा। घड़ी का उपयोग ओवरों के बीच लगने वाले समय को नियंत्रित करने के लिए किया जाएगा। ICC का यह कदम खेल की गति को तेज करने और दर्शकों के अनुभव को बेहतर बनाने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।
ICC ने जारी किया बयान
ICC ने अपने बयान में कहा, "वनडे और टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में परीक्षण के आधार पर एक 'स्टॉप क्लॉक' शुरू करने पर सहमति व्यक्त हुई है। घड़ी का उपयोग ओवरों के बीच लगने वाले समय को नियंत्रित करने के लिए किया जाएगा। यदि गेंदबाजी टीम पिछले ओवर के पूरा होने के 60 सेकंड के भीतर अगला ओवर फेंकने के लिए तैयार नहीं है, तो एक पारी में तीसरी बार ऐसा होने पर 5 रन का जुर्माना लगाया जाएगा।"
विश्व कप 2023 में इस्तेमाल हुआ था इन-मैच पेनल्टी नियम
स्लो ओवर रेट को कम करने के लिए ICC ने 2022 में इन-मैच पेनल्टी नियम लागू किया था, जो हाल ही में सम्पन्न हुए वनडे विश्व कप 2023 में भी देखने को मिला था। इस नियम के तहत जब फील्डिंग टीम निर्धारित समय में ओवर खत्म नहीं करती, तो मैच के आखिरी ओवरों में 30 मीटर के दायरे से बाहर एक खिलाड़ी कम रखना होता है। उस खिलाड़ी को केवल सर्कल में ही खड़ा किया जा सकता है।
पिच और ऑउटफील्ड को लेकर भी ICC ने बदले नियम
ICC ने पिच और आउटफील्ड निगरानी नियमों में बदलाव को भी मंजूरी दे दी है। नए नियम के मुताबिक,अब 6 डिमेरिट अंक के बाद ही किसी मैदान (5 साल के भीतर) पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। बता दें कि पुराने नियम के मुताबिक 5 साल के अंदर किसी मैदान को 5 डिमेरिट अंक मिलते हैं तो फिर वह 1 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी से बाहर हो जाता है।
लिंग पात्रता के नियम में भी हुआ बदलाव
ICC द्वारा घोषित नए नियमों के तहत, कोई भी खिलाड़ी जो पुरुष से महिला बन गया है और किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन से गुजर चुका है, उसे महिला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे में डेनिएल मैकगैही, जो इस साल की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने वाली पहली ट्रांसजेंडर खिलाड़ी बनीं थी, अब लिंग पात्रता नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव के बाद महिलाओं के अंतरराष्ट्रीय खेलों में भाग नहीं ले पाएंगी।