पाकिस्तान में दागी खिलाड़ियों को दोबारा मौका देने से खराब हुआ है क्रिकेट- रमीज़ राजा
क्या है खबर?
पाकिस्तान क्रिकेट टीम काफी लंबे समय से खराब परिस्थितियों से गुजर रही है और लगातार उन पर दाग भी लगते रहे हैं।
पिछले एक दशक में पाकिस्तान के कई खिलाड़ियों को फिक्सिंग में शामिल पाया गया है और उनमें से कई खिलाड़ी बैन झेलने के बाद टीम में वापसी भी कर चुके हैं।
पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ी रमीज़ राजा का कहना है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने दागी खिलाड़ियों को मौका देकर पाकिस्तानी क्रिकेट को खराब कर दिया है।
बयान
मेरा बस चलता तो दागी खिलाड़ियों से किराना स्टोर खोलने को बोलता- राजा
राजा ने कहा कि अगर उनका बस चलता तो फिर वह दागी खिलाड़ियों से अपना किराना स्टोर खोलने को बोल देते।
उन्होंने आगे कहा, "मुझे इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि बड़े नामों को छूट देने से पाकिस्तान क्रिकेट खराब हुआ है। एक बार फिर से शरजील खान को टीम में शामिल करने की बात चल रही है और यह बिल्कुल सही नहीं है। इससे पाकिस्तान क्रिकेट और खराब हो सकती है।"
वापसी
फिक्सिंग में शामिल रहने वाले कई खिलाड़ी कर चुके हैं वापसी
2010 में इंग्लैंड दौरे पर सलमान बट, मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमिर को फिक्सिंग में लिप्त पाया गया था।
तीनों खिलाड़ियों को जेल होने के साथ ही बैन का भी सामना करना पड़ा था। आमिर ने अपना पांच साल का बैन पूरा कर लिया और फिर उनकी नेशनल टीम में वापसी हो गई।
शरजील खान को पाकिस्तान सुपर लीग में फिक्सिंग में लिप्त पाया गया था और वह ढाई साल का बैन पूरा करके वापसी कर चुके हैं।
राशिद लतीफ
पूर्व कप्तान ने कही थी फिक्सिंग में बोर्ड्स के भी शामिल होने की बात
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ ने कहा था कि फिक्सिंग में क्रिकेट बोर्ड या उसके कुछ सदस्य भी शामिल रहते हैं।
उन्होंने कहा था कि क्रिकेट बोर्ड्स फिक्सिंग में शामिल खिलाड़ियों को पूर्ण समर्थन देते हैं तो फिर वे इसके बराबर के जिम्मेदार क्यों नहीं होते हैं।
राशिद ने यह भी कहा था कि जब बोर्ड के लोग ही इसमें शामिल रहेंगे तो खिलाड़ी को संरक्षण तो मिल ही जाएगा।
जावेद मियांदाद
मियांदाद ने कही थी फिक्सिंग में शामिल खिलाड़ियों को फांसी देने की बात
पाकिस्तान के पूर्व महान बल्लेबाज जावेद मियांदाद ने कहा था कि फिक्सिंग में शामिल रहने वाले खिलाड़ियों को फांसी दिया जाना चाहिए।
उन्होंने इस समझाते हुए कहा था कि मैच फिक्स करने से टीम के साथ ही देश का भी अपमान होता है और यह किसी की हत्या करने के बराबर ही है।
मियांदाद ने सवाल पूछा था कि जब यह हत्या के बराबर ही है तो फिर इसकी सजा क्यों कम हो।