विजय हजारे ट्रॉफी: इन खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से खींचा भारतीय चयनकर्ताओं का ध्यान
हाल ही में समाप्त हुई विजय हजारे ट्रॉफी में कई खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया। जल्द ही भारत और इंग्लैंड के बीच वनडे सीरीज खेली जानी है और इसके लिए इन खिलाड़ियों ने भारतीय चयनकर्ताओं को संदेश भेज दिया है। भारतीय टीम में आने के लिए घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन अहम चीज है और कुछ खिलाड़ियों ने ऐसा प्रदर्शन किया है कि उन्हें नजरअंदाज करना मुश्किल होगा। एक नजर ऐसे ही पांच खिलाड़ियों पर।
लगातार अपने आलोचकों का मुंह बंद कर रहे हैं शॉ
ओपनर बल्लेबाज पृथ्वी शॉ को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पहले टेस्ट के बाद भारतीय टीम से बाहर किया गया था और वह इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में भी नहीं खेले थे। युवा शॉ ने इसका जवाब विजय हजारे ट्रॉफी के आठ मैचों में 827 रन बनाकर दिया है। शॉ ने टूर्नामेंट में 165 की औसत और 140 के करीब के स्ट्राइक-रेट के साथ रन बनाए। उन्होंने 227, 185* और 165 रनों की बड़ी पारियां खेली।
भारतीय टीम के लिए दावा ठोंक रहे हैं पड़िकल
एक अन्य युवा ओपनर देवदत्त पड़िकल ने भी सात मैचों में 737 रन बनाकर भारतीय टीम के लिए अपना दावा ठोंका है। पड़िकल ने अपनी सातों पारियों में 50 से अधिक का स्कोर बनाया था। उन्होंने लगातार चार शतक लगाए और ऐसा करने वाले भारत के पहले बल्लेबाज बने थे। करीब 150 की औसत से रन बनाने वाले पड़िकल ने दिखाया है कि वह भारतीय टीम में आने के लिए लगातार कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
ऑलराउंडर के लिए क्रुणाल ने मजबूत किया अपना दावा
बड़ौदा के कप्तान और भारत के लिए 18 टी-20 मैच खेल चुके क्रुणाल पंड्या ने भी वनडे टीम के लिए अपनी दावेदारी मजबूत की है। क्रुणाल ने पांच मैचों में 129.33 की औसत के साथ 388 रन बनाए। 133 के सर्वोच्च स्कोर के साथ क्रुणाल ने दो शतक और दो अर्धशतक लगाए। उन्होंने गेंद के साथ पांच विकेट हासिल करके ऑलराउंडर की जगह के लिए अपना दावा ठोंका है।
तीन साल बाद भारतीय टीम में वापसी कर सकते हैं कौल
सितंबर 2018 में भारत के लिए अपना आखिरी वनडे खेलने वाले सिद्धार्थ कौल ने भी विजय हजारे ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन किया। उन्होंने पांच मैचों में 18.57 की औसत के साथ 14 विकेट हासिल किए। जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी की गैरमौजूदगी में कौल का यह प्रदर्शन उन्हें दोबारा भारतीय टीम में ला सकता है। दाएं हाथ का यह तेज गेंदबाज स्लोवर और कटर्स का इस्तेमाल करने के लिए जाना जाता है।
कुलकर्णी ने की बेहद शानदार गेंदबाजी
मुंबई के अनुभवी तेज गेंदबाज धवल कुलकर्णी ने अपनी टीम को चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई। कुलकर्णी ने छह मैचों में 11.79 की शानदार स्ट्राइक-रेट और 3.5 से कम की इकॉनमी के साथ 14 विकेट चटकाए। कुलकर्णी ने 2016 में भारत के लिए अपना आखिरी वनडे खेला था। 12 वनडे मुकाबले खेल चुके कुलकर्णी भी इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में पांच साल बाद भारतीय टीम में वापसी कर सकते हैं।