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गुजरात में हो रहा था नकली IPL का आयोजन, रुस से हो रही थी सट्टेबाजी
दुनिया की सबसे मशहूर टी-20 लीग है IPL

गुजरात में हो रहा था नकली IPL का आयोजन, रुस से हो रही थी सट्टेबाजी

लेखन Neeraj Pandey
Jul 11, 2022
06:44 pm

क्या है खबर?

क्रिकेट मैचों में सट्टेबाजी की बहुत सी खबरें सुनी या पढ़ी होंगी, लेकिन गुजरात में एक बेहद अनोखा कारनामा हुआ है। गुजरात के एक गांव में नकली इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का आयोजन कराके सट्टेबाजी की जा रही थी। मेहसाणा पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है और खुलासा किया है गिरोह का सरगना रुस में बैठा हुआ है। रुस में बैठे व्यक्ति के इशारे पर ही सट्टेबाजी चल रही थी।

प्रसारण

यूट्यूब पर होता था मैचों का प्रसारण

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पकड़े गए अभियुक्तों ने एक फॉर्म को खरीदने के बाद उसे स्टेडियम का रूप दे दिया था। खिलाड़ी से लेकर अंपायर तक हर कोई नकली होता था और उन्हें भाड़े पर लाया जाता था। यूट्यूब पर मैचों को लाइव दिखाने के लिए पांच एचडी कैमरे भी लगाए गए थे। टेलीग्राम के जरिए मैचों में रूस के कई शहरों से पैसे लगाए जाते थे।

नकली

आयोजकों की हर चीज थी नकली

IPL 2022 की समाप्ति होने के तीन हफ्ते बाद इस नकली टूर्नामेंट की शुरुआत हुई थी। इसमें गांव के 21 मजदूर और बेरोजगार युवाओं ने हिस्सा लिया था। इन सभी लोगों को चेन्नई सुपर किंग्स, मुंबई इंडियंस और गुजरात टाइटंस की जर्सी पहनाई गई थी। मैचों के दौरान क्राउड की आवाज को भी फेक तरीके से सुनाया जाता था। मेरठ से एक व्यक्ति को हर्षा भोगले की आवाज में कमेंट्री के लिए ले जाया गया था।

आयोजक

कौन करा रहा था टूर्नामेंट का आयोजन?

पुलिस के मुताबिक आठ महीने तक रूस के पब में काम कर चुका शोएब दावड़ा इस नकली टूर्नामेंट का मुख्य आयोजक है। पुलिस ने खुलासा किया है कि शोएब ने गुलाम मसीह का फॉर्म खरीदने के बाद उसे स्टेडियम का रूप दिया था। इसके अलावा उसने गांव के लोगों को हर मैच के लिए 400 रुपये का लालच देकर अपने साथ जोड़ा था। कैमरामैन और IPL की जर्सी की व्यवस्था भी उसने की थी।

मास्टरमाइंड

आसिफ मोहम्मद है इस आयोजन का मास्टरमाइंड

पूछताछ के दौरान शोएब ने खुलासा किया है कि रुस में काम करने के दौरान उसकी मुलाकात आसिफ मोहम्मद नाम के एक व्यक्ति से हुई थी। शोएब टेलीग्राम चैनल पर लाइव बेटिंग स्वीकार करता था। सट्टेबाजों के हिसाब से वह अंपायर्स को बाउंड्री या विकेट का निर्देश देता था। इसके बाद अंपायर यह निर्देश खिलाड़ियों तक पहुंचाते थे। खिलाड़ी निर्देश के हिसाब से बाउंड्री मारते या आउट होते थे।