दलीप ट्रॉफी, फाइनल: प्रियांक पांचाल फर्स्ट क्लास करियर के 27वें शतक से चूके, जानिए उनके आंकड़े
क्या है खबर?
वेस्ट जोन और साउथ ईस्ट जोन के बीच खेले जा रहे दलीप ट्रॉफी 2023 के फाइनल मुकाबले के पांचवें दिन प्रियांक पांचाल (95) ने शानदार पारी खेली।
हालांकि, प्रियांक दुर्भाग्यशाली रहे और अपने फर्स्ट क्लास करियर का 27वां शतक जमाने से चूक गए। चौथे दिन 92 पर नाबाद रहने वाले पांचाल खाते में केवल 3 रन जोड़कर आउट हो गए।
आइए प्रियांक की पारी और आंकड़ों के बारे में जानते हैं।
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ऐसी रही प्रियांक की पारी
पहली पारी में खराब प्रदर्शन के बाद वेस्ट जोन टीम दूसरी पारी में भी संघर्ष करती हुई नजर आ रही थी।
ऐसे वक्त में प्रियांक ने मोर्चा संभाला। वह इस पारी में 45.02 की स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करते हुए 211 गेंदों में 95 रन बनाए। इस पारी में उन्होंने 11 चौके भी जमाए।
प्रियांक दूसरी पारी में साथी खिलाड़ी सरफराज खान (48) के साथ मिलकर 5वें विकेट के लिए 157 गेंदों में 98 रनों की साझेदारी निभाई।
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प्रियांक के FC करियर पर एक नजर
दाएं हाथ के बल्लेबाज प्रियांक ने अपने FC करियर में अब तक 113 मैच खेले हैं।
181 पारियों में वह अब तक 45 से ज्यादा की औसत से लगभग 8,000 रन बना चुके हैं। वह 26 शतक के अलावा अब तक 32 अर्धशतक भी जमा चुके हैं।
FC करियर में उनका उच्चतम स्कोर 314* रन का है। प्रियांक FC करियर में अब तक 49.25 की औसत और 2.78 की इकॉनमी रेट से 16 विकेट भी ले चुके हैं।
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प्रियांक का लिस्ट-A और टी-20 मैचों में प्रदर्शन
33 साल के प्रियांक ने अब तक 86 लिस्ट-A मैच खेले हैं। इसमें उन्होंने 40.28 की औसत और 79.41 की स्ट्राइक रेट से 3,279 रन बनाए हैं।
इस अनुभवी बल्लेबाज ने अब तक 136 के उच्चतम स्कोर के साथ 7 शतक और 19 अर्धशतक जमाए हैं।
प्रियांक ने 55 टी-20 मैचों में 30.53 की औसत और 128.19 की स्ट्राइक रेट से 1,496 रन बनाए हैं। 79 के उच्चतम स्कोर के साथ उनके नाम 9 अर्धशतक भी दर्ज हैं।
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अपनी कप्तानी में गुजरात को रणजी ट्रॉफी दिला चुके हैं प्रियांक
प्रियांक के लिए 2016-2017 का घरेलू सीजन काफी यादगार रहा था।
तब उन्होंने अपनी कप्तानी में गुजरात क्रिकेट टीम को रणजी ट्रॉफी का खिताब जिताया था। वह सीजन में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बने थे। तब उन्होंने 1,310 रनों का पहाड़ खड़ा किया था।
उन्होंने पंजाब क्रिकेट टीम के खिलाफ अपने फर्स्ट क्लास करियर का सर्वश्रेष्ठ पारी (314) खेली थी। लंबे समय से घरेलू क्रिकेट में दमदार प्रदर्शन के बावजूद उन्हें भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला।