दिलीप वेंगसरकर की मांग, IPL में होने चाहिए विदेशियों से अधिक भारतीय कोच

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की शुरुआत 2008 में हुई थी और साल दर साल इस लीग ने खुद को बड़ा बनाया है। लीग ने कई भारतीय टैलेंट्स को निखारने का काम किया है जो बाद में इंटरनेशनल लेवल पर खूब सफल रहे हैं। हालांकि, इस भारतीय लीग में कोचिंग के लिए फ्रेंचाइजियां विदेशी कोचों पर ही भरोसा करती हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेटर दिलीप वेंगसरकर का कहना है कि अधिक टीमों को भारतीय कोच रखने चाहिए।
GULF न्यूज से बात करते हुए वेंगसरकर ने कहा कि हमारे कोई कोच विदेशी लीग्स में कोचिंग नहीं करते हैं तो फिर हम क्यों विदेशी कोच अपने यहां रखें। उन्होंने आगे कहा, "मुझे लगता है कि हमारे कोच भी विदेशियों जितने अच्छे हैं और कुछ तो उनसे भी बेहतर हैं। समय आ गया है कि हम भारतीय कोचों को अधिक मौके दें। उम्मीद करता हूं कि IPL टीमों में विदेशी कोचों के मुकाबले भारतीयों की संख्या अधिक हो।"
इस सीजन आठ टीमों में केवल एक टीम का हेडकोच ही भारतीय है। किंग्स इलेवन पंजाब ने अनिल कुंबले को अपना हेडकोच बनाया है। इसके अलावा सभी टीमों के हेडकोच विदेशी हैं और अधिकतर में गेंदबाजी और अन्य कोच भी विदेशी ही हैं। कुंबले से पहले केवल दो भारतीय ही IPL में कोच रह चुके हैं। लालचंद राजपूत ने मुंबई इंडियंस और वेंकटेस प्रसाद ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की कोचिंग की है।
वेंगसरकर ने यह भी कहा कि लीग में स्पिनर्स को अपना जौहर दिखाने का भी मौका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "60 यार्ड की बाउंड्री रखने की बजाय बाउंड्री को 70 यार्ड का रखना चाहिए ताकि सही से शॉट नहीं लगा पाने पर बल्लेबाज कैच आउट हो। 65 यार्ड की बाउंड्री में भी हमने किनारा लगने के बावजूद गेंद छक्का जाते देखी है। ऐसी परिस्थितियों में स्पिनर्स बेकार साबित हो जाते हैं।"
64 साल के वेंगसरकर भारतीय टीम के कप्तान भी रह चुके हैं और संन्यास लेने के बाद वह चयन समिति के चेयरमैन भी रहे हैं। उन्होंने 116 टेस्ट में 41.37 की औसत के साथ 6,868 रन बनाए हैं। टेस्ट में उन्होंने 17 शतक और 35 अर्धशतक लगाए हैं। 129 वनडे में वेंगसरकर ने 34.39 की औसत के साथ 3,508 रन बनाए हैं जिसमें एक शतक और 23 अर्धशतक शामिल हैं।