जॉन बुकानन का बड़ा बयान, कहा- टी-20 में गांगुली को नहीं सूट करती थी कप्तानी
भारतीय टीम के सबसे महान कप्तानों में से एक सौरव गांगुली को कोलकाता नाइटराइडर्स (KKR) ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के पहले सीजन में अपना कप्तान बनाया था। हालांकि, उनकी कप्तानी में टीम का प्रदर्शन काफी खराब रहा था और अगले सीजन कोच जॉन बुकानन ने स्प्लिट कैप्टेंसी का भी प्रयोग किया था। अब Sportstar के साथ इंटरव्यू में बुकानन ने कहा है कि गांगुली को टी-20 में कप्तानी सूट नहीं करती थी।
टी-20 में गांगुली को नहीं सूट करती थी कप्तानी- बुकानन
बुकानन ने कहा कि उन्हें भरोसा था कि टी-20 गांगुली को सूट नहीं करता और खास तौर से कप्तानी में वह फिट नहीं बैठते थे। उन्होंने आगे कहा, "उस समय मेरी सोच थी कि कप्तान के तौर पर आप जल्दी में निर्णय लेने में सक्षम होने चाहिए और आपका खेल ऐसा होना चाहिए जो छोटे फॉर्मेट को सूट करता हो। यही कारण था कि सौरव के साथ मेरी इस चीज को लेकर बातचीत हुई थी।"
कप्तान और खिलाड़ी के रूप में KKR के लिए ऐसा रहा गांगुली का प्रदर्शन
पहले सीजन में KKR के कप्तान रहे गांगुली ने 13 मैचों में 29.08 की औसत से 349 रन बनाने के साथ ही छह विकेट भी लिए थे। अगले सीजन ब्रेंडन मैकुलम को कप्तान बनाया गया और खिलाड़ी के तौर पर गांगुली 13 मैचों में केवल 189 रन ही बना सके। 2010 में नए कोच ने गांगुली को फिर से कप्तान बनाया और उन्होंने 14 मैचों में 493 रन बनाए और यह उनका बेस्ट IPL सीजन रहा।
कप्तान के तौर पर टीम की जीत-हार का ऐसा रहा हाल
गांगुली की कप्तानी में KKR 2008 और 2010 दोनो सीजन में छठे स्थान पर रही। 2008 में KKR ने 14 में से चार तो वहीं 2010 में उन्होंने 14 में से सात मैच जीते थे और केवल रन-रेट के कारण वे छठे स्थान पर थे।
2012 सीजन में पुणे के भी कप्तान रहे थे गांगुली
2011 सीजन से पहले KKR ने गांगुली को रिलीज कर दिया था और फिर बाद में पुणे वारियर्स इंडिया ने उन्हें बीच सीजन साइन करके उनकी IPL वापसी कराई थी। 2012 सीजन में वह टीम के कप्तान बनाए गए और 15 मैचों में उन्होंने 268 रन बनाने के अलावा दो विकेट हासिल किए थे। पुणे उस सीजन 16 में से केवल चार मैच ही जीत सकी थी।