संन्यास के बाद जेम्स एंडरसन बनेंगे इंग्लिश टीम के गेंदबाजी मेंटर
इंग्लैंड क्रिकेट टीम के दिग्गज गेंदबाज जेम्स एंडरसन वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के खिलाफ 10 जुलाई से शुरू होने वाले लॉर्ड्स टेस्ट के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देंगे। वह पहले ही ये ऐलान कर चुके हैं। इस बीच खबर ये है कि एंडरसन संन्यास के बाद इंग्लिश टीम के साथ मेंटर के रूप में जुड़ेंगे। वह इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों को गेंदबाजी के गुर सिखाएंगे। आइए इस खबर पर एक नजर डालते हैं।
इंग्लैंड के प्रबंध निदेशक रॉब की ने दी जानकारी
इंग्लैंड के प्रबंध निदेशक रॉब की ने बीते सोमवार (1 जुलाई) को संवाददाताओं से कहा, "लॉर्ड्स टेस्ट के बाद जिमी हमारे साथ बने रहेंगे और एक मेंटर के रूप में हमारी मदद करेंगे। उनके पास इंग्लिश क्रिकेट को देने के लिए बहुत कुछ है। हम नहीं चाहते कि यह खत्म हो जाए। उनके पास बहुत सारे विकल्प होंगे। अगर वे खेल में बने रहना चुनते हैं तो इंग्लिश क्रिकेट बहुत भाग्यशाली होगा।"
क्या घरेलू क्रिकेट में खेलना जारी रखेंगे एंडरसन?
एंडरसन इस समय काउंटी चैंपियनशिप में नॉटिंघमशायर के खिलाफ लंकाशायर के लिए खेल रहे हैं, लेकिन उनका प्रथम श्रेणी का भविष्य अनिश्चित है। रॉब की ने कहा, "लंकाशायर के साथ उनका क्या भविष्य रहेगा, यह शायद लॉर्ड्स टेस्ट के बाद पता चलेगा।" बता दें कि वह अपने प्रथम श्रेणी करियर में अब तक 1,100 से अधिक विकेट अपने नाम कर चुके हैं। इस दिग्गज गेंदबाज ने साल 2002 में अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत की थी।
बेमिसाल रहा है एंडरसन का टेस्ट करियर
एंडरसन ने 2003 में जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम के खिलाफ अपने टेस्ट करियर का आगाज किया था। वह अब तक 187 टेस्ट की 348 पारियों में 26.52 की औसत से 700 विकेट चटका चुके हैं। उन्होंने 32 बार 5 विकेट हॉल और 3 बार मैच में 10 विकेट हॉल लिए हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 7/42 विकेट का रहा है। इसी तरह वह 263 पारियों में 112 बार नाबाद रहते हुए 1,353 रन भी बना चुके हैं। इसमें एकमात्र अर्धशतक शामिल है।
700 टेस्ट विकेट वाले पहले तेज गेंदबाज हैं एंडरसन
एंडरसन ने भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाफ अपने 700 टेस्ट विकेट पूरे किए थे। उनसे पहले मुथैया मुरलीधरन और शेन वॉर्न ने ही टेस्ट प्रारूप में 700 विकेट का आंकड़ा पार किया था। ये दोनों पूर्व खिलाड़ी स्पिनर रहे हैं, एंडरसन इस उपलब्धि को हासिल करने वाले विश्व के पहले तेज गेंदबाज बने थे। मुरलीधरन ने 22.72 की औसत से 800 विकेट चटकाए थे, जबकि वॉर्न ने 25.41 की औसत से 708 विकेट अपने नाम किए थे।